मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज : माफिया डॉन बृजेश सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बहुचर्चित सिकरौरा नरसंहार मामले में 30 अक्टूबर को सुनवाई होगी.  37 साल पहले पुराने इस मुकदमे की इलाहाबाद हाईकोर्ट में  सुनवाई चल रही है. इस हत्याकांड में बरी हो चुके पूर्वांचल के बाहुबली बृजेश सिंह को सजा दिए जाने की मांग की गई है. निचली अदालत के फैसले को हीरावती नाम की महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हीरावती की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार सुनवाई होगी. ट्रायल कोर्ट के फैसले को हीरावती ने अपील दाखिल कर चुनौती दी है.


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क्या है पूरा मामला


37 साल पहले 1986 में चंदौली के सिकरौरा गांव में हीरावती के पति, दो देवर और चार मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. माफिया डॉन बृजेश सिंह के खिलाफ वाराणसी स्थित बलुआ पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था. आईपीसी की धारा 148, 149, 302, 307, 120बी एवं आर्म्स एक्ट में ब्रजेश सिंह को आरोपी बनाया गया. सामूहिक हत्याकांड में हीरावती की बेटी घायल हुई थी. लंबे समय तक चले ट्रायल के बाद ट्रायल कोर्ट ने 2018 में माफिया बृजेश सिंह को बरी कर दिया. चीफ जस्टिस की बेंच ने हीरावती की अपील पर सुनवाई का फैसला लिया है.


अफजाल अंसारी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
वहीं माफिया डॉन मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की अपील पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. गैंगेस्टर मामले में गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल को चार साल की सजा सुनाई है.
उल्लेखनीय है कि चार साल की सजा के चलते अफजाल अंसारी को सांसदी गवानी पड़ी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने की मांग को खारिज किया है. हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है. अपील में गैंगेस्टर मामले में मिली चार साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने की मांग की है.


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