मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कांस्टेबल (Saryu Express Women Constable) के साथ हुए जुल्म का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले का स्वतः संज्ञान लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने रविवार रात 8 बजे सुनवाई की. इसकी अगली सुनवाई सोमवार सुबह 12 बजे चीफ जस्टिस की कोर्ट में होनी थी. हालांकि वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई संभव नहीं हुई. जानकारी के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाई गई थी. इस बीच महिला कांस्टेबल की मेडिकल रिपोर्ट भी आई है.


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मेडिकल रिपोर्ट में यह बात आई सामने
इस मामले पर एसपी जीआरपी लखनऊ पूजा यादव ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मीडिया द्वारा महिला पुलिस कर्मी के साथ यौन शोषण अथवा दुष्कर्म की खबर चलाई जा रही थी. यह पूरी तरह गलत है. महिला कांस्टेबल के साथ किसी प्रकार का यौन शोषण नहीं किया गया है. मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हाई सिक्योरिटी टीम बनाई गई है. जल्द ही इस घटना का खुलासा किया जाएगा.


यह पूरी घटना 30-31 अगस्त की रात की बताई जा रही है. ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल ट्रेन के भीतर गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाई गई थी. जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र के जरिये एक याचिका भेजी गई थी. चीफ जस्टिस ने पत्र को जनहित याचिका में कायम कर सुनवाई का फैसला लिया.  पत्र में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कांस्टेबल के साथ हुई घटना का जिक्र था. याची की तरफ से महिला कांस्टेबल के साथ गलत होने की आशंका जताई गई थी. 


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याची के मुताबिक मामले में धारा 332, 353, 307 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. याची ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी की गंभीर स्थिति को देखते हुए धारा 376/376डी भी जोड़ी जानी चाहिए. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के साथ रेलवे आरपीएफ से भी जवाब मांगा है. राज्य सरकार की तरफ से वकील चीफ जस्टिस की कोर्ट में पेश हुए. जांच अधिकारी को भी इलाहबाद हाईकोर्ट ने तलब किया है.


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