एंबुलेंस संचालक कंपनियां ऐसे डकार रहीं लाखों, जांच नहीं स्वास्थ्य महकमा कर रहा नाफरमानी
जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए शासन का आदेश शायद मायने नहीं रखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि फर्जी केस दिखाकर 108 और 102 एंबुलेंस के जरिए किए जा रहे फर्जीवाड़े की जांच करना तो दूर टीम तक गठित नहीं की गई है.
अनूप प्रताप सिंह/अंबेडकरनगर: जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए शासन का आदेश शायद मायने नहीं रखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि फर्जी केस दिखाकर 108 और 102 एंबुलेंस के जरिए किए जा रहे फर्जीवाड़े की जांच करना तो दूर टीम तक गठित नहीं की गई है. आरोप था कि एंबुलेंस सेवा देने वाली कंपनी मरीजों की अधिक संख्या दिखाकर सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए का चूना लगा रही हैं. जिसके बाद शासन से रिपोर्ट मांगी गई थी. जो अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.
डीजी हेल्थ दिया था आदेश
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर डीजी हेल्थ ने अंबेडकरनगर के सीएमओ को आदेश दिया था. इस बाबत 19 मई और 20 मई 2022 को डीजी हेल्थ की तरफ से उत्तर प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र भेजा गया था. आदेश के मुताबिक जिले में संचालित 108 और 102 एंबुलेंस की सत्यापन रिपोर्ट 1 सप्ताह में शासन को प्रेषित किया जाना था. क्योंकि शासन के संज्ञान में आया था कि एंबुलेंस सेवा देने वाली कंपनी फर्जीवाड़ा कर अधिक मरीजों की संख्या दिखाकर सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए का चूना लगा रही हैं.
सभी जिलों में दिए गए थे जांच के आदेश
बता दें कि इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शासन द्वारा जांच का आदेश जारी हुआ था. डीजी हेल्थ द्वारा जारी आदेश में ये स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 108 और 102 एंबुलेंस द्वारा लाने और ले जाने वाले मरीजों का सत्यापन कर रिपोर्ट शासन को एक सप्ताह में भेजें. वहीं, 1 सप्ताह बीत जाने के बावजूद अंबेडकर नगर के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों ने जांच तक शुरू नहीं किया.
अपर सीएमओ ने दी जानकारी
इस मामले में अपर सीएमओ अंबेडकरनगर ने बताया कि शासन से 108 और 102 एंबुलेंस से संबंधित जांच के लिए पत्र आया है. जिसमें कहा गया है कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा अपने टारगेट को पूरा करने के लिए फर्जी और काल्पनिक मरीजों को दिखाकर, पीसीआर भरकर बिना किसी कार्य के फर्जी भुगतान लिया जा रहा है. इसकी जांच एडी स्तर द्वारा गठित टीम करेगी. उन्होंने बताया कि जब टीम का गठन हो जाएगा, तो रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. फिलहाल महोदय के इस बयान से आप खुद समझ सकते हैं कि महोदय मामले को लेकर कितना सीरियस हैं.
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