नई दिल्ली: धार्मिक स्थलों और स्मारकों पर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक कई याचिकाएं दायर की जा रही हैं. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म किए जाने की कोशिश है, जिससे तमाम धार्मिक स्थलों में दावों के हिसाब से बदलाव हो सकें. इसे लेकर 1 हफ्ते में कई याचिका दाखिल की गई हैं. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है. मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ये याचिका दाखिल की है.


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अब तक इतनी याचिकाएं दाखिल
इस मामले में अब तक कुल 7 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं. इससे पहले ऐसी ही याचिकाएं अश्विनी उपाध्याय, सुब्रह्मण्यम स्वमी, जितेंद्रानंद सरस्वती भी डाल चुके हैं. 12 मार्च 2021 को वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी हुआ था. 


बता दें कि इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच इसी सप्ताह, प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंस) एक्ट 1991 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. स्वामी जितेंद्रानंद ने इस एक्ट के खिलाफ देश के सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की. इसके साथ ही कोर्ट में विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने की अनुमति की मांग की गई थी. इस याचिका में कहा गया है कि यह धर्मनिरपेक्षता और कानून का उल्लंघन करती है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि इस एक्ट के जरिए हमें हमारे धार्मिक स्थलों को सुरक्षित करने में बाधा पहुंच रही है. अतः इस एक्ट की धाराओं को हम संत समिति के लोग कोर्ट के दायरे में रहकर चैलेंज करते हैं.


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