सुनील सिंह/संभल: उत्तरप्रदेश के संभल (Sambhal) जनपद के चंदौसी में 145 फिट ऊंची विशाल गणेश प्रतिमा का निर्माण कराया गया है. प्रख्यात चिकित्सक रहे गिरिराज किशोर गुप्ता (Giriraj Kishore Gupta) ने भगवान गणेश में अपनी अटूट आस्था के चलते 16 साल के निरंतर निजी प्रयासों से इस गणेश प्रतिमा का निर्माण करवाया है. नृत्य मुद्रा में भगवान गजानन की इस विराट प्रतिमा को एशिया में सबसे ऊंची प्रतिमा माना जा रहा है. एशिया में भगवान गणेश की सबसे अधिक ऊंची प्रतिमा के तौर पर इसे गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड (Ginij Book of World Record) में दर्ज कराए जाने का दावा पेश किया गया है. भगवान गणेश की इस विराट प्रतिमा का अनावरण नवंबर में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की तैयारी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गिरिराज किशोर ने देखा था सपना


चंदौसी में भगवान गजानन की एशिया की सबसे ऊंची विराट प्रतिमा का सपना देखने वाले भगवान गजानन के भक्त गिरिराज किशोर का कुछ महीने पहले निधन हो गया था. स्व गिरिराज किशोर गुप्ता के बेटे मनोज का दावा है कि भगवान गणेश की नृत्य मुद्रा में निर्मित यह प्रतिमा एशिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. उनका कहना है कि एशिया में किसी भी देश में गणपति की 145 फीट ऊंची प्रतिमा मौजूद नहीं है. इससे आध्यात्मिक पर्यटन को भी गति मिलेगी.


यह भी पढ़ेंसोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में स्मृति ईरानी की इंट्री, लापरवाहों पर एक्शन लिया तो सौगात भी दी


एक करोड़ रुपये खर्च हुए


मनोज गुप्ता ने बताया कि विशाल गणेश प्रतिमा के निर्माण पर 1 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है. भगवान गणेश की विराट प्रतिमा के निर्माण के लिए किसी से भी आर्थिक सहयोग नहीं लिया गया है. इस विराट गणेश प्रतिमा की ख़ास बात यह है कि 145 फिट ऊंची यह गणेश प्रतिमा सिर्फ एक पैर पर टिकी हुई है. भगवान गजानन की विराट प्रतिमा को मजबूती देने के लिए जमीन में 25 फुट से अधिक गहराई पर मजबूत बेस बनाया गया है. गणेश जी की इस प्रतिमा को देखने अभी से संभल और उसके आसपास के जनपदों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.