मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर भर्ती में पीएचडी व नेट वालों को अंक देने में विभेद करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर यूजीसी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचिका को अगली सुनवाई के लिए 10 मई को पेश करने का निर्देश दिया है.


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कोर्ट ने दिया था यूनिवर्सिटी को समय
इससे पहले भी कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने का यूनिवर्सिटी को समय दिया था, लेकिन फिर से समय मांगा गया है.जस्टिस अजीत कुमार ने अजीत कुमार राय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. याची अधिवक्ता का कहना है कि याची ने नेट क्वालीफाई किया है. न्यूनतम अर्हता परास्नातक के साथ नेट रखा गया है.


बिना पीएचडी किये नेट क्वालीफाई अभ्यर्थियों को चयन में शामिल होने का अधिकार
यूजीसी की गाइडलाइंस में कहा गया है कि नेट के लिए 5 अंक और पीएचडी वालों को 30 अंक दिए जाएंगे. भर्ती में पीएचडी बाध्यकारी नहीं है. अब बिना पीएचडी किये नेट क्वालीफाई अभ्यर्थियों को चयन में शामिल होने का अधिकार दिया गया है. नेट को पांच अंक और पीएचडी को 30 अंक देना विभेदकारी है. इससे नेट वालों को चयन का अवसर नहीं मिलेगा.


इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जवाब तलब 
इसकी वैज्ञानिकता को हाईकोर्ट मे याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई के बाद यूजीसी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया है.


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