वाराणसी: कहा जाता है कि काशी महादेव के त्रिशूल पर बसी है. मां गंगा तट पर बसी काशी को हम मोक्ष नगरी के नाम से भी जानते हैं. मान्यता है कि काशी में अगर किसी की मौत होती है, तो महादेव खुद उसके कानों में तारक मंत्र देते हैं. अब काशी में अस्थि कलश बैंक में रखा जाएगा. नई व्यस्था के तहत, जो लोग काशी में अपने प्राण नहीं त्याग पाते, उनके जाने के बाद मोक्ष की कामना लिए उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए काशी पहुंचते हैं, ताकि गंगा घाट पर उनका क्रिया कर्म हो, जिससे मरने वाले को मोक्ष मिले. इन सबके बीच कम बार क्रिया कर्म पूरा नहीं हो पाता.


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आपको बता दें कि काशी के मणिकर्णिका घाट पर शवों को जलाने का काम 24 घंटे लगातार चलता रहता है. ऐसे में पूर्वांचल के आस-पास इलाकों और दूसरे राज्यों जैसे- बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत देश के कोने-कोने से लोग शवों का अंतिम संस्कार करने काशी पहुंचते हैं. इतना ही नहीं विदेशों से भी शवों को अंतिम संस्कार के लिए वाराणसी लाया जाता है. इसके बाद विधि विधान पूर्वक उनका अंतिम संस्कार किया जाता है. भीड़ या अन्य वजहों से कई बार अंतिम संस्कार के बाद बहुत देर तक चिता की आग ठंडी नहीं होती.


इस वजह से परिजन अंतिम संस्कार की विधि पूर्ण होने तक नहीं रुक पाते, मजबूरन उन्हें वापस लौटना पड़ता हैं. ऐसी स्थिति में चिता की राख और अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं हो पाती. इसलिए विधि का निर्वहन नहीं हो पाता. मान्यता है कि मोक्ष के लिए अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करना होता है.


इसलिए सरकार ने इस समस्या का हल निकाला है. काशी में अपनों को लेकर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले लोगों को अस्थियों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. इनको सुरक्षित रखने से लेकर, प्रवाहित करने तक की जिम्मेदारी सरकारी तंत्र उठाएगा. वाराणसी नगर निगम के सहयोग से महाशमशान मणिकर्णिका घाट पर यूपी का पहला अस्थि कलश बैंक बनने जा रहा है, जहां शवों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को सुरक्षित रखने का काम किया जाएगा.


मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मणिकर्णिका घाट पर अस्थि कलश बैंक का तैयार किया जाएगा. इस प्लान को सीएम योगी के सामने रखा गया. सीएम ने प्लान को आगे बढ़ाने की अनुमति भी दे दी है. वहीं, स्मार्ट सिटी के सहयोग से मणिकर्णिका घाट पर अस्थि कलश बैंक बनाया जाएगा. 


इस बैंक में बहुत कम कीमत पर अस्थियों को सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी, जो आज बड़ी समस्या बन चुकी है. उन्होंने कहा कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार के लिए काशी आते हैं. इस दौरान वह अस्थियों को सुरक्षित नहीं रख पाते. इसके अलावा कुछ दिन ठहर के वह अस्थियों को हरिद्वार अथवा संगम नगरी प्रयागराज ले जाकर प्रवाहित नहीं कर पाते हैं. ऐसे में बैंक उनकी मदद करेगा.