Atiq Ahmed Shot Dead: 


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प्रयागराज में कल शनिवार की रात माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बता दें कि पुलिस उन्हें अस्पताल ले जा रही थी, तभी इस घटना हो अंजाम दिया गया. दरअसल, हमलावर पत्रकार बनकर मौके पर पहुंचे थे. उनके हाथ में माइक और कैमरा भी था.


आपको बतादें कि स्वभाविक तौर पर पत्रकारों की चेकिंग नहीं होती. इन सबके बीच बेहतर कानून व्यवस्था का परिणाम है कि तीनों को पुलिस ने तत्काल पकड़ लिया. दरअसल, ये पूरी घटना मीडिया के कैमरे के सामने लाइव घटित हुई. बताया जा रहा है कि पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करती, तो बेगुनाह मीडिया कर्मी भी मारे जाते. इस कारण पुलिस ने संयम बरता और हमलावरों को केवल पकड़ा.


बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे प्रयागराज और एनसीआर से जुड़े राजनेता बिल्डर भी हो सकते हैं, जिनसे अतीक का आर्थिक कनेक्शन था. जानकारी के मुताबिक जिस तरह शासन प्रशासन ने अतीक पर नकेल कसी थी, उससे अतीक से जुड़े लोगों में हड़कंप था, जिन लोगों के यहां उसका अतीक का पैसा लगा था, इस घटना में उनका भी हाथ हो सकता है. चर्चा है कि नाम खुलने के डर से ये घटना कराई गई हो.


आपको बता दें कि सीएम योगी पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़ने पाए. वहीं, इस मामले में जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन हो चुका है. जल्द पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.


 


अतीक अहमद और अशरफ अहमद को गोली मारने वाले बदमाशों के पास से अत्याधुनिक पिस्टल बरामद किए हैं, जो भारत में प्रतिबंधित हैं. सूत्रों के मुताबिक अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है, जिसका निर्माण तुर्की में होता है. क्रॉस बॉर्डर से अवैध तरीके से जिगाना पिस्टल लाई जाती है, जिसकी कीमत करीब 5-6 लाख रुपये है और इसके लिए 17 गोलियों की मैगजीन आती है.


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कानून के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे. सीएम ने जनता से अपील की है कि किसी भी अफवाहों से बचें. इसी के साथ ही अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सीएम ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल, अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कुछ निकल कर सामने आता है.