Atique Ahmed Letter :  माफिया अतीक अहमद ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए जो सीलबंद लेटर सुप्रीम कोर्ट को लिखा था, उस चिट्ठी की सुपर एक्सक्लूसिव तस्वीर जी न्यूज को मिली है. इसी चिट्ठी का जिक्र अतीक के भाई अशरफ अहमद ने 29 मार्च को किया था. माना जा रहा है कि इस चिट्ठी में उन लोगों के नाम हो सकते हैं, जिनसे अतीक अहमद को जान का खतरा था. अतीक अहमद ने पूर्व सांसद के तौर पर ये चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट को लिखी थी. हत्या से पहले अतीक ने ये सीलबंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट को भिजवाया था. 



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अतीक अहमद और अशरफ अहमद ने जेल से निकलते वक्त एक लिफाफा तैयार है और अगर उनकी हत्या हो जाती है तो यह लिफाफा सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया जाएगा.लगातार यह चर्चा चल रही थी कि इस लिफाफे में क्या है. अतीक अहमद के वकील नीरज मिश्रा ने पुष्टि की है कि ये चिट्ठी भेज दी गई है. सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट तक ये चिट्ठी भेजी गई है. ये पत्र 8 से 9 जगहों पर भेजा गया है.


Atique Ahmed Murder: एसआईटी करेगी अतीक-अशरफ के मर्डर केस की जांच, दो टीमें हुईं गठित


अशरफ ने कहा था,  आज मुझे इलाहाबाद से मुझे धमकी दी गई है कि तुम्हें दो हफ्ते के भीतर जेल के अंदर से निकालेंगे और निपटा देंगे. अशरफ ने मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब में कहा कि यूपी पुलिस के अफसर से उसे ये धमकी मिली है, जिसका वो नाम अभी नहीं ले सकता. लेकिन अगर उसकी हत्या होती है तो ये सीलबंद लिफाफा माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगा.   


माफिया अतीक अहमद और अशरफ किस-किस को लिखी चिट्ठी. सुप्रीम कोर्ट के जज के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लिखी थी चिट्ठी. पुलिस कस्टडी के दौरान भी अशरफ ने अपनी चिट्ठी का जिक्र किया था और कहा था कि चिट्ठी अपने आप जहां जानी है पहुंच जाएगी.अशरफ की चिट्ठी को लेकर घमासान मचा है. दावा किया जा रहा है अशरफ ने एक चिट्ठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पहले ही लिख दी थी.


वकील के माध्यम से चिट्ठी को पहुंचाने की जिम्मेदारी थी.अशरफ को पहले ही शक था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी.बरेली जेल से लाते समय अशरफ ने कहा था कि एक अफसर ने दावा किया है कि 15 दिन में मौत के घाट उतार दिए जाओगे. अब मौत के बाद अशरफ की चिट्ठी को लेकर चर्चाएं तेज हैं.  आखिर वह कौन अफसर है, जिसने अशरफ की हत्या  भविष्यवाणी की थी.


अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए दो एसआईटी गठित की गई है. अपर पुलिस आयुक्त की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी ने धूमनगंज थाने से एफआईआर की कॉपी ले ली है. एक एसआईटी डीजीपी एस विश्वकर्मा ने गठित की है. 


गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के लिए लाए जाते वक्त अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या ताबड़तोड़ गोलियां मारकर कर दी गई थी. इसमें तीन हमलावरों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह को मौके से पकड़ लिया गया था. उनके पास से पिस्टल भी बरामद हुई थी. अतीक के बेटे असद अहमद का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है. 
हालांकि माना जा रहा है कि ये तीन लड़के अतीक के असली हत्यारेनहीं हैं, लेकिन इनके पीछे किसी मास्टरमाइंड का हाथ हो सकता है, जिनके कहने पर इस घटना को अंजाम दिया गया. 


 


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