अजीत सिंह/अयोध्या: योगी सरकार के छठवें दिव्य दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की कवायद जोरों पर चल रही है. राम परिवार, निषादराज व अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाये जाएंगे, जो कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे. इसका उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी के ज्ञान की वृद्धि करना भी है. रामायणकालीन 15 द्वार दीपोत्सव की आभा को चार-चांद लगाएंगे. द्वार निर्माण का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है. दीपोत्सव में रामायण कालीन द्वार से अयोध्या को सजाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है.  सभी 15 द्वार लाइट युक्त होंगे. इसके लिए पर्यटन विभाग की विशेष टीम ने सनबोर्ड तैयार किया है. इसमें लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जब यह जलेंगे तो रामायण के प्रसंग इन बोर्डों पर इस तरह भव्यता बढ़ाएंगे कि मानों त्रेतायुग जीवंत हो रहा हो.


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पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि योगी सरकार अयोध्या की अलग पहचान बनाने का काम कर रही है. योगी सरकार के निर्देश पर भगवान राम के रामायण कालीन द्वार भी बनाए जा रहे हैं, जिससे लोग अयोध्या में प्रवेश करें तो उन्हें त्रेतायुग वाली दीपावली का अहसास हो.
दीपोत्सव 2022 में स्वागतद्वार
निषादराज द्वार
अहिल्या द्वार
राम द्वार
दशरथ द्वार
लक्ष्मण द्वार
सीताद्वार
रामसेतु द्वार
शबरी द्वार
हनुमान द्वार
भरत द्वार
लव कुश द्वार
सुग्रीव द्वार
जटायु द्वार
तुलसी द्वार


इस प्रकार से कुल 15 द्वार बनाए गए हैं और 10 स्वागत द्वार बनाए गए हैं.राम पैड़ी पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान की प्रतिमा के पास सेल्फी प्वाइंट बनाया जा रहा है. जब लंका से भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे, ठीक उसी प्रकार पुष्पक विमान का ग्राफिक्स भी बनाया जा रहा है.


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