सत्य प्रकाश/अयोध्या: अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण राजस्थान के पत्थरों से किया जा रहा है. मंदिर निर्माण से पहले इन पत्थरों पर आकर्षक नक्काशी की जा रही है. नक्काशी में बनाई जाने वाली डिजाइन नागर शैली पर आधारित है. मंदिर के खंभे और दीवारों पर चक्र, शंख, गदा, पुष्प के साथ देवी-देवताओं की मूर्तियों को उकेरा जा रहा है. इस काम के लिए राजस्थान में तीन और अयोध्या में एक कार्यशाला चलाई जा रही है. इन पत्थरों के लगने के बाद मंदिर की खूबसूरती और बढ़ जाएगी. मंदिर के खूबसूरत नजारे को देखने के लिए लाखों करोड़ों भक्त अगले वर्ष का इंतजार कर रहे हैं. 


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ऐसा होगा गर्भ गृह
जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर के गर्भ गृह के निर्माण के लिए राजस्थान के आकर्षक नक्काशीदार पत्थरों की 8 लेयर लगाई जा चुकी हैं. गर्भगृह के चारों तरफ 4 मीटर चौड़े एक परिक्रमा मार्ग को भी तैयार किया जा रहा है. श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने के बाद इस परिक्रमा मार्ग में मंदिर की दीवारों पर आकर्षक नक्काशी और देवी-देवताओं की मूर्तियों के भी दर्शन कर पाएंगे. जनवरी 2024 में रामलला के गर्भ गृह में विराजमान होने की उम्मीद जताई जा रही है. 



राम सेवक पुरम कार्यशाला में स्टोर किए जा रहे हैं पत्थर 
राम जन्मभूमि परिसर में जहां भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रगति पर है. वहीं दूसरी तरफ परिसर में मंदिर के परकोटा निर्माण का कार्य भी शुरू हो गया है. परिसर में बिजली और पानी की आपूर्ति के लिए एक प्लांट की तैयारी भी की जा रही है. जिसके कारण अब मंदिर परिसर में पत्थरों को लाने और ले जाने में दिक्कतें हो रही हैं. इसलिए राम मंदिर के भूतल के छत पर लगने वाले सीलिंग के पत्थरों को अब अयोध्या की राम सेवक पुरम कार्यशाला में स्टोर किया जा रहा है. जहां से इन पत्थरों को आवश्यकतानुसार राम जन्मभूमि परिसर पहुंचाया जाएगा. बताया जा रहा सनातन संस्कृति के चिन्ह शंख, गदा आदि को इन पत्थरों पर दर्शाया गया है.