श्याम प्रकाश/अयोध्या: भगवान राम की नगरी में धूमधाम से भगवान राम लला का प्रकाटोत्सव मनाया गया. इस दौरान भगवान राम लला अस्थाई मंदिर में 3 दिन पूर्व स्थापित किए गए कलश को राम जन्मभूमि परिसर से लिया गया. इसके बाद रामलला के प्रवेश द्वार से धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ भगवान रामलला के जन्म स्थान राम जन्म भूमि की परिक्रमा की गई. शोभा यात्रा में हनुमान जी का निशान भी शामिल रहा..


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1949 में पौष मास की तृतीया को भगवान राम लला राम जन्मभूमि में प्रकट हुए थे. तब से ही भगवान राम लला का प्रकाटोत्सव श्री राम जन्मभूमि सेवा समिति मनाती है. इस दौरान 3 दिन पहले भगवान रामलला के अस्थाई मंदिर में वेद की ऋचाओं का पाठ करते हुए धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है. पूरे विधि-विधान से भगवान राम लला का प्रकाटोत्सव महोत्सव का कलश राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित किया जाता है.


1992 में आई थी रुकावट


1992 के बाद कानूनी अड़चनों के चलते इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन एक बार फिर राम मंदिर ट्रस्ट ने इस प्रथा को दोबारा जीवित किया. राम जन्मभूमि के अस्थाई मंदिर में धूमधाम से कलश स्थापना की गई. धार्मिक आयोजन के साथ पूरी भव्यता पूर्वक प्रकाटोत्सव को मनाया गया.


पौष शुक्ल तृतीया पर होता है आयोजन
कार्यक्रम के संयोजक अच्युत शंकर शुक्ला ने कहा कि पौष शुक्ल तृतीया 1949 को रामलला मूर्त रूप में गर्भ गृह में पधारे थे. तब से ही रामलला के प्रकाटोत्सव को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस अवसर पर तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम किया जाता है. पहले दिन भगवान रामलला के मंदिर में कलश की स्थापना होती है, जबकि तीसरे दिन भगवान राम लला के चतुर्दश मार्ग से शोभायात्रा निकाली जाती है. 


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भगवान राम लला का प्रकाटोत्सव 1949 में हुआ था तब से ही बाबा अभिराम दास इस महोत्सव को मनाते आए हैं. इस बार 74 वर्षगांठ है. वैदिक विद्वानों के द्वारा हनुमानगढ़ी के निशान के साथ पूज्य संत महंत और सब लोग एक साथ मिलकर भव्य महोत्सव मना रहे हैं.