`अजान इस्लाम का हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर नहीं,` हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह मौलिक अधिकारों का हनन बिल्कुल नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश के दौरान एक टिप्पणी करते हुए कहा कि अजान इस्लाम का पार्ट है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का जरूरी पार्ट नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह पहले भी साबित हो चुका है...
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: योगी सरकार ने आदेश दिया था कि अगर धार्मिक स्थलों पर निर्धारित संख्या से ज्यादा लाउडस्पीकर लगे हैं, तो उन्हें हटाया जाए. यह आदेश बदायूं की मस्जिद के प्रबंधन को नागवार गुजरा है. मस्जिद कमेटी ने इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. याचिका में मांग की गई थी कि लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने के आदेश को पारित किया जाए. फिलहाल, हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई के बाद बदायूं के नूरी मस्जिद कमेटी के जिम्मेदार इरफान की याचिका को खारिज कर दिया है.
'लाउडस्पीकर से ही अजान देना इस्लाम का पार्ट नहीं'
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह मौलिक अधिकारों का हनन बिल्कुल नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश के दौरान एक टिप्पणी करते हुए कहा कि अजान इस्लाम का पार्ट है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का जरूरी पार्ट नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह पहले भी साबित हो चुका है. अदालतें इसको लेकर पहले भी आदेश पारित कर चुकी हैं. ऐसे में मस्जिद प्रबंधन को लाउडस्पीकर से अजान देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
याचिका नहीं है पोषणीय: हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में बदायूं की नूरी मस्जिद कमेटी की ओर से कहा गया था कि लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. याची ने अपनी अर्जी में जिला प्रशासन के इस आदेश को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था. ऐसे में मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान देने की अनुमति का आदेश पारित करने की मांग की गई थी. हालांकि, कोर्ट ने पूरी सुनवाई के दरमियान कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है.
मोअज्जिन की आवाज के जरिए भी अजान सुनी जा सकती है: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इसके पहले भी 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की तरफ से लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने उस दौरान बेहद तल्ख टिप्पणी भी की थी, जिसमें कहा था की अजान इस्लाम धर्म का एक अहम हिस्सा है. किसी भी मस्जिद से मोअज्जिन को अजान देने से कोई नहीं रोक सकता. कोर्ट ने यह भी कहा था कि इसके लिए लाउडस्पीकर से अजान देने की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा था कि मस्जिदों की मीनारों से मोअज्जिन की आवाज के जरिए भी अजान को सुना जा सकता है.
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