वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में खानपुर फतेह निवासी सूरज को दो साल पहले एक मुस्लिम लड़की मोमिन खातून से प्यार हो गया था. धीरे धीरे प्यार परवान चढ़ने लगा, तो दोनों एक दूसरे से छुप-छुपकर मिलने लगे. आखिरकार सूरज ने धर्म की दीवार को तोड़कर मुस्लिम लड़की को अपना बनाने की जिद ठान ली. हालांकि, जब इस बात की जानकारी लड़की के घरवालों को हुई तो धर्म के कारण ऐतराज जताने लगे, जबकि सूरज के परिजनों को कोई ऐतराज नहीं था.


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शादी बनी चर्चा का विषय
यही नहीं, प्रेमिका के परिवार ने सूरज के परिजनों पर दबाव भी बनाया कि वह इस्लाम धर्म को अपना ले, लेकिन प्रेमिका ने मना कर दिया. इसी बीच दोनों ने शादी करने की ठानी और धर्म आड़े आ रही दीवार को तोड़ने का फैसला लिया. जिले के अतरौलिया क्षेत्र के सम्मो माता मंदिर में दोनों ने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की. यह शादी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है.


लोगों ने दिया खुशमन जीवन का आशीर्वाद
मंदिर परिसर का माहौल उस समय एक नई इबारत लिख गया, जब एक मुस्लिम युवती ने हिंदू धर्म अपनाकर अपने हिंदू प्रेमी के गले में वरमाला डालकर उसे अपना जीवन साथी बना लिया. मंदिर परिसर में सात फेरों के साथ प्रेमी युगल को परिजनों और लोगों ने खुशमय जीवन का आर्शीवाद दिया. सम्मोमाता मंदिर से आर्शीवाद लेकर घर आया.


परिजनों का कोई दबाव नहीं...
सूरज ने बताया कि यह शादी परिवार वालों की रजामंदी से हो रही है. इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है. दोनों लोग शादी के लिए राजी हैं. वहीं, मुस्लिम लड़की मोमिन ने बताया कि कोई दबाव नहीं है. दोनों ने बताया कि वह लोग एक दूसरे से दो साल से प्यार करते हैं और आज शादी कर रहे हैं. इसमें परिजनों का कोई भी दबाव नहीं है. जाति, धर्म और मजहब की दीवार तोड़कर हम लोग शादी करके खुश रहना चाहते हैं. वहीं, विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने कहा कि मुस्लिम लड़की ने सनातन धर्म स्वीकार किया है, इसका हम लोग स्वागत करते हैं.


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