राजीव शर्मा/बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में चतुर्थ अपर जिला जज की अदालत ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले तीन अभियुक्तों को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.  सहायक शासकीय अधिवक्ता अपराध सुनील कुमार जायसवाल ने मामले की पैरवी की. 


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बहराइच जिले में चतुर्थ अपर जिला जज की अदालत ने साल 2006 में पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पत्नी समेत मृतक की सास और साले को पांच साल कारावास की सज़ा सुनाई है.


ससुरालियों से हुआ था विवाद
बता दें कि 4 नवम्बर 2006 को गोरखनाथ पुत्र सुरेश अपनी पत्नी को विदा कराने अपनी ससुराल गया था, जहां उसकी ससुरालियों से कहा-सुनी हो गई. जिसके बाद उसके ससुर रामनाथ पत्नी आशा देवी, साला प्रेमचंद और सास श्याम प्यारी से विवाद हो गया. जिसके बाद ससुरालियों ने अपशब्द कहते हुए पत्नी आशा देवी को विदा करने से इंकार कर दिया.  


साले के खेत में मिला शव
इसके बाद गोरखनाथ का शव 6 नवम्बर 2006 को उसके साले के खेत में बरामद हुआ जिसके हाथ पैर के नाखून नीले पड़ गए थे. मृतक के पिता के मुताबिक ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग आकर उसके बेटे ने जहरीला पदार्थ खा लिया था. मृतक के पिता सुरेश की तहरीर पर बहराइच जनपद के थाना बौंडी में ससुराल पक्ष के सभी चारों आरोपियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई और मामले का विचारण शुरू हुआ.


इस मामले में लगभग 16 साल तक चले लंबे ट्रायल के बाद आरोपी पत्नी आशा देवी,सास श्याम प्यारी व साला प्रेमचंद को चतुर्थ अपर जनपद न्यायाधीश श्री मनोज कुमार मिश्रा ने दोषी करार देते हुए पांच 5 साल के कारावास व 5-5 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है. वहीं ट्रायल के दौरान आरोपी ससुर रामनाथ की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा उपश्मित कर दिया गया.


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