बांदा जेल में डॉन को चाहिए केला और लखनऊ के लजीज आम का मजा, कोर्ट में गिड़गिड़ाया मुख्तार अंसारी
Mukhtar Ansari : बाराबंकी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने विशेष सत्र न्यायाधीश के सामने जेल में केला और लखनऊ के आम खाने की अपील की है. कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने कहा कि साहब बांदा जेल में हमें अपने वकील से मिलने नहीं दिया जा रहा है.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : यूपी के बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से फरियाद लगाई है कि उसे खाने में केला और लखनऊ का लजीज आम दिया जाए. मुख्तार ने अपने वकील से न मिलने देने का आरोप भी लगाया है.
जेल में वकील से मिलने न देने का आरोप
बाराबंकी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने विशेष सत्र न्यायाधीश के सामने जेल में केला और लखनऊ के आम खाने की अपील की है. कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने कहा कि साहब बांदा जेल में हमें अपने वकील से मिलने नहीं दिया जा रहा है, जब वह मिलने आते हैं तो हमारे लिए केले और लखनऊ के आम लेकर आते हैं. मुख्तार ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को गलत बताया है.
राज्य सरकार की बिना अनुमति चलाए जा रहे मुकदमे
मुख्तार ने अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिए एक प्रार्थना पत्र 197 सीआरपीसी का अनुपालन करवाए जाने के लिए कोर्ट में दिया है. इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है. मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया है कि लोक सेवक पर कोई भी वाद चलाने से पहले राज्य सरकार की 197 सीआरपीसी के तहत अनुमति लेनी चाहिए थी. मुख्तार अंसारी के खिलाफ किसी भी मुकदमे में राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी, उसके बाद भी मुकदमे चलाए जा रहे हैं जो गलत हैं.
बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई पेशी
दरसल, गैंगस्टर के अलग-अलग मुकदमों में बाहुबली मुख्तार अंसारी की बाराबंकी में बुधवार को वर्चुअल पेशी हुई. इस दौरान वह लखनऊ के लजीज आम और केले खाने को बेचैन दिखा. बता दें कि बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर और एंबुलेंस मामले में बुधवार को तारीख लगी थी. अब अगली तारीख 16 मई को लगी है और एसीजेएम-19 कोर्ट में एंबुलेंस मामले में 23 मई की अगली तारीख लगी है. मुख्तार ने कोर्ट में अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिए197 सीआरपीसी के तहत एक और अर्जी दी है.
उम्र के हिसाब से उन्हें जरूरी चीजें उपलब्ध करानी चाहिए
मुख्तार अंसारी के केला और आम खाने की फरियाद पर वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि मुख्तार अंसारी न्यायिक अभिरक्षा में 16-17 साल से हैं. न्यायिक अभिरक्षा में हर व्यक्ति के स्वास्थ्य को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है. उनकी एक उम्र है उम्र के हिसाब से उनको हर चीज, दवाएं और फल सरकार को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, क्योंकि मुख्तार अंसारी अपराधी नहीं है वह राजनीतिक बंदी है, राजनीतिक बंदियों के साथ सरकार को राजनीतिक तरीके से पेश आना चाहिए. रणधीर सिंह सुमन वकील ने आगे कहा कि जो लोग मुख्तार अंसारी को अपराधी बताते हैं वह गलत बताते हैं, क्योंकि राजनीतिक तरीके से जब उन्हें परास्त नहीं किया जा सका तब उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लिखकर उनके राजनीतिक ताकत को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है.
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