बांदा: यूपी के बांदा में उस वक्त शिक्षा गुणवत्ता की पोल खुल गई, जिस वक्त डीएम अनुराग पटेल (DM Anurag Patel ) ने एक सरकारी स्कूल में बच्चों की पाठशाला लगा दी. क्लास में कक्षा 5 और 6 के बच्चे शुद्ध हिंदी तो लिखना दूर देश के राष्ट्रपति, PM और CM का नाम नहीं बता सके. अब सोचिए देश के नौनिहालों का भविष्य कैसे बनेगा?? सरकार की तरफ से लाख कोशिश के बावजूद सरकारी स्कूल की व्यवस्था जस की तस है.


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जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने शिक्षकों की लगाई क्लास 
डीएम अनुराग पटेल ने बच्चों की क्लास के बाद टीचरों की जमकर क्लास लगा दी और एक महीने के अंदर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए हैं. सुधार नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. स्कूल ने नामांकन के सापेक्ष बच्चे कम होने पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि टीचर अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें.


डीएम ऑफिस से जारी प्रेस नोट के मुताबिक डीएम अनुराग पटेल अचानक अतर्रा तहसील के तुर्रा गांव के प्राइमरी स्कूल में निरीक्षण को पहुंच गए, जहां डीएम का काफिला देख स्कूल के स्टाफ में हड़कम्प मच गया. उन्होंने स्कूल परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया, निरीक्षण में अनुपस्थित शिक्षा मित्र की सैलरी रोकने के निर्देश दिए.  इसके बाद डीएम एक टीचर के रूप में बच्चों के पास पंहुचे, जहां उन्होंने कक्षा 5 के बच्चों से पहाड़ा सुना. कुछ सुना पाए तो कुछ नहीं. 


बच्चे नहीं बता पाएं यूपी के सीएम का नाम 
इसके बाद उन्होंने बच्चो से "शाम को जल्दी नींद आती है" लिखने के लिए कहा जिसमें क्लास में एक बच्चे को छोड़कर कोई भी सही नहीं लिख पाया. साथ ही डीएम अनुराग पटेल ने बच्चों से प्रदेश के मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का नाम पूछा, जिसे बच्चे नहीं बता सके. डीएम ने शिक्षा गुणवत्ता खराब पाए पाने पर स्कूल स्टाफ को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि एक महीने में गुणवत्ता सही करें. नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीएम अनुराग पटेल ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को समय समय पर स्कूल के शिक्षा गुणवत्ता चेक करने के निर्देश भी दिए. 


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