मनीष गुप्ता/आगरा: बैंकॉक (Bangkok) और मलेशिया (Malaysia) जैसी सेंड बाथ की हसरत अगर आपके दिल में सालों से घुमड़ रही हो, तो फिर इसके लिए अब आपको बैंकॉक जाने की जरूरत नहीं है. बस इसके लिए बस आपके ताज नगरी आगरा का रूख करना होगा. आपको बस इटावा के पंचनद इलाके में जाना होगा. जहां से पर चंबल फाउंडेशन द्वारा सेंड बाथ और अन्य चिकित्सीय उपचार उपल्बध कराया जा रहा है. कभी चंबल (Chambal) का नाम सुनते ही लोग खौफ खाते थे. जहां, बिहड़ों में डकैतों का राज चलता था, लेकिन इन दिनों चंबल वैली मलेशिया और गोवा से कम नजर नहीं आ रहा है. चंबल में पर्यटन को नई धार देने के लिए पंचनद में सेंड बाथ का आयोजन किया गया है. जिसमें लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत कर रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बॉडी टू बॉडी डिपेंड करता है सेंड बाथ का समय 
दरअसल, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ कमल कुशवाह के निर्देशन में सेंड बाथ का आयोजन किया गया है. जिसका शुभारम्भ शिक्षाविद श्वेता तिवारी ने किया. आयोजन के पहले ही दिन की शुरुआत 32 लोगों को के साथ की गई. बता दें कि दोपहर तक ये संख्या बढ़कर,100 का आंकड़ा पार कर गई. इस मामले में डॉ कमल कुशवाह ने बताया कि इसमें सेंड बाथ हॉट और कोल्ड बाथ के तौर पर दी जाती है. अक्सर इसका समय 15 मिनट का होता है. मगर ये बॉडी टू बॉडी डिपेंड करता है. 


Mirror Vastu Tips: कहीं आपके घर का शीशा तो नहीं आपका दुश्मन, जानिए कैसे? 


आयोजन में मिल रही ये सुविधाएं
चिकित्सक ने बताया कि इस आयोजन में नेति, शिरोधारा, स्वेदन सहित कई अन्य क्रियाएं कराई जा रही हैं. वही इस सुविधा को लेकर पूजा, निधि व सुरेंद्र ने बताया कि उन्हें लंबे अरसे से सेंड बाथ की चाहत थी. अक्सर जब वह फिल्मों में सैंड बाथ लेते हुए देखते थे. मगर अब ये सुविधा उनके शहर के पास शुरू हुआ है. इस आयोजनों ने उनका उत्साह बढ़ा दिया है. वहीं, इटावा की पूनम गुप्ता का मानना है कि चंबल में इस तरह के आयोजन से पर्यटन को पंख लग सकेंगे.


समझिए चिकित्सीय लाभ का तापमान गणित
इस मामले में सेंड बाथ को लेकर डॉ कमल कुशवाह ने कई अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हॉट सैंड बाथ में रेत का तापमान 30 से 37 डिग्री सेल्सियस रखा जाता है. वहीं, कोल्ड सैंड बाथ में रेत का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रखा जाता है. चंबल की रेत इस मामले में बेहद उपयुक्त है. जाहिर सी बात है कि सैंड बाथ के जरिए चंबल को पंख पसारने का एक नया अनुभव और तरक्की की नई राह मिल रही है. इसकी ख्याति देश विदेश के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने को बेताब नजर आ रही है.


चंबल घाटी में ऐसे शुरू हुआ आयुर्वेद पर्यटन 
दरअसल, चंबल घाटी में विधिवत आयुर्वेद पर्यटन का प्रारम्भ किया गया है. इसके लिए चम्बल के रेतीले मैदान दोनों प्रकार की सैंड बाथ के लिए उपयुक्त हैं. आज सैकड़ो की संख्या में पर्यटकों ने हॉट एंड सैंड बाथ का लुफ्त उठाया. हॉट सैंड बाथ का आनंद लेते हुए डॉ श्रीकांत ने बताया कि इस प्रकार की व्यवस्था से बाहरी पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में चम्बल क्षेत्र आएंगे और सैंड थेरेपी का लुफ्त उठा सकेंगे. 


Tees Maar Khan: 24 घंटे भी Shikandar को कैद में नहीं रख सकी Police, फिल्मी अंदाज में ऐसे हुआ गायब 


पर्यटकों ने बताया अपना अनुभव
इस मामले में डॉ वी के अग्रवाल ने बताया कि थेरेपी लेने से मन प्रसन्न हो गया. वहीं, अभ्यंग कराने के बाद जब कोल्ड बाथ लिया तो उन्हें बैंकॉक जैसा महसूस हुआ. खास बात ये है कि महिला पर्यटकों में भी हॉट बाथ को लेकर होड़ मची रही. महिलाओं का कहना था कि इससे थकान जड़ से सही हो जाती है.


चंबल की दुर्लभ जड़ी बूटियों का संग्रहालय बनाने का है प्लान
जानकारों की मानें तो आयुर्वेद पर्यटन की इस शुरुआत से पूरे विश्व मे भारत के चम्बल क्षेत्र की ख्याति फैलेगी. चम्बल क्षेत्र में हॉट सैंड बाथ एवम कोल्ड सैंड बाथ की संकल्पना अपने आप मे अनूठी है. चंबल परिवार के प्रमुख डॉ शाह आलम राना बताते ने बताया कि इसके बाद चंबल की दुर्लभ जड़ी बूटियों का एक संग्रहालय बनाया जाएगा. इससे आने वाले वर्षो में पूरी दुनिया में चंबल की एक नई पहचान बनकर सामने आएगी.


WATCH LIVE TV