Banke Bihari Corridor: वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और मीरजापुर में विंध्याचल कॉरिडोर के बाद अब यूपी के मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर प्रस्‍तावित है. पिछले दिनों मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया गया. इस कॉरिडोर के विकास के लिए क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए एक टीम गठित की गई है. बताया गया कि टीम इस हफ्ते तक सर्वे का काम पूरा कर लेगी. 


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8 सदस्‍यीय टीम कर रही सर्वेक्षण 
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने विश्‍व प्रसिद्ध बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए मथुरा जिला प्रशासन से कॉरिडोर पर आने वाले वाली लागत, भूमि की कीमत और विकास कार्यों पर आने वाली लागत को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस पर जिला प्रशासन ने 8 सदस्‍यीय टीम गठित कर दी है. 


जल्‍द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी सर्वे टीम 
कॉरिडोर के विकास के लिए क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए गठित टीम के प्रमुख अनिल झा ने बताया कि पिछले दिनों सर्वे का काम शुरू किया गया था. इस हफ्ते के अंत तक सर्वे का पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप देंगे. 


300 से ज्‍यादा मकान आएंगे इसकी जद में 
बताया गया कि यह कॉरिडोर करीब 5 एकड़ में फैला होगा. इस कॉरिडोर की जद में करीब 300 से ज्‍यादा मकान आएंगे. इसमें कुछ घर, कुछ धर्मशाला तो कुछ कुंज शामिल हैं. टीम ने इन मकानों को लाल घेरे में ले लिया है. टीम ने बताया कि कॉरिडोर में प्रवेश और निकास के लिए 3 रास्‍ते बनाए जाएंगे. 


लागत का खुलासा नहीं 
इस कॉरिडोर को बनाने में कितनी लागत आएगी, इस पर अभी खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि जमीन संबंधी कार्यों के लिए इसमें करीब 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसमें जमीन के चिह्नांकन और मुआवजा शामिल है. हालांकि, इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में 17 जनवरी को सुनवाई होनी है. 


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