Barabanki News: नहीं मिली खाद तो किसान ने पेड़ पर चढ़कर किया हाईवोल्टेज ड्रामा, आत्महत्या की दी धमकी
Barabanki News: पूरा मामला बाराबंकी की तहसील रामनगर के कस्बा त्रिलोकपुर में साधन सहकारी समिति का है, जहां खाद वितरण के समय सैकड़ों की तादाद में जुटे थे. यहां पर एक किसान को खाद नहीं मिली तो वह नाराज हो गया....
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में भी किसानों के सामने छाया खाद का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं. जिले के साथ-साथ सहकारी समितियों पर भी खाद की उपलब्धता नहीं है. अब जब आलू के साथ गेहूं की बुआई शुरू हो गई है, तो किसानों को खाद की काफी जरूरत है, लेकिन आलम यह है कि किसानों को एक-एक बोरी खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
पेड़ पर चढ़ा किसान
पूरा मामला बाराबंकी की तहसील रामनगर के कस्बा त्रिलोकपुर में साधन सहकारी समिति का है, जहां खाद वितरण के दौरान सैकड़ों की तादाद में किसान जुटे थे. आलम यह था कि किसानों को संभाल पाना कर्मचारियों और पुलिस के लिए चुनौती बन गया. जैसे ही खाद बांटने का काम शुरू हुआ, त्रिलोकपुर का रहने वाला किसान भारत रावत खाद न मिलने पर नाराज हो गया. वह पास में लगे विशालकाय नीम के पेड़ पर चढ़ गया. पेड़ के नीचे खड़े लोग कुछ समझ पाते तब तक वह पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या कर लेने की धमकी देने लगा. इस दौरान किसी ने किसान का वीडियो बना लिया, जोकि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
खाद नहीं मिलने से किसान परेशान
वहीं, सूचना पाकर मसौली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जब उसने यह नजारा देखा तो उसके भी हाथ-पैर फूल गए. पुलिस ने किसी तरह नीम के पेड़ पर चढ़े किसान भारत रावत को समझा- बुझाकर नीचे उतारा और अपने साथ थाने ले गए. दरअसल इस समय जिले की अलग-अलग सहकारी समितियों से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में किसानों को खाद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कभी-कभी तो किसान आपस में ही भिड़ जाते हैं. किसानों का कहना है कि पहले ही बारिश के चलते उनकी धान की फसल बर्बाद हो चुकी है और उन्हें लागत तक नहीं मिल पाई है. वहीं, अब जब अगली फसल की बुआई करनी है, तो उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है.
इस संबंध में बाराबंकी इफ्को केंद्र पर खाद वितरक और अन्य समिति संचालकों का कहना है कि जब भी खाद आती है, उसे नियम के अनुसार किसानों में वितरित किया जाता है. कभी-कभी खाद न आने या सर्वर न चलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके चलते किसानों को खाद नहीं मिल पाती है.