बाराबंकी: रामनगर BDO अमित त्रिपाठी के इस्तीफे मामले में DM और CDO ने दी सफाई, आरोपों को बताया बेबुनियाद
Barabnki BDO Resignation Case: खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी के इस्तीफा देने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, इस मामले में डीएम और सीडीओ ने बयान जारी किया है. उन्होंने बीडीओ द्वारा लगाए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बाराबंकी जिले (Barabanki) में ब्लॉक रामनगर के बीडीओ अमित त्रिपाठी (Ramnagar BDO Resignation) के इस्तीफे मामले में जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह (Barabanki DM Adarsh Singh) और मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह (CDO Ekta Singh) की तरफ से सफाई पेश की गई है. डीएम और सीडीओ ने बीडीओ के सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है.
बाराबंकी के डीएम और सीडीओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि शासन के निर्देशों के क्रम में उच्च अधिकारी सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करते हैं. स्थलीय कार्यों का भौतिक सत्यापन करना उच्च अधिकारियों का दायित्व होता है. इसी कड़ी में जिले के अन्य ब्लाकों के साथ रामनगर ब्लॉक का भी निरीक्षण किया गया था. डीएम और सीडीओ ने बताया कि रामनगर ब्लॉक के निरीक्षण के दौरान कई खामियां और वित्तीय अनियमितताएं मिली थीं. साथ ही रामनगर ब्लॉक में मिली खामियों की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए शासन को प्रेषित की जा चुकी है.
अपर मुख्य सचिव ने मामले में लिया संज्ञान
बाराबंकी जिले में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रामनगर अमित त्रिपाठी के इस्तीफे मामले का अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संज्ञान लिया है. उन्होंने मामले की जांच ग्राम्य विकास आयुक्त को सौंपी है. अपर मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास आयुक्त को जांच के लिए दिए गए निर्देश में सख्त लहजे में कहा है कि बीडीओ ने अपने पत्र में मुख्य विकास अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा मानसिक रूप से अत्यधिक प्रताड़ित करने व अपमानित करने का आरोप लगाया है. जिससे परेशान और मजबूर होकर उन्होंने त्याग पत्र दे दिया है. इसलिये पत्र में अंकित तथ्यों की जांच कराकर स्पष्ट संस्तुति सहित आख्या शासन को तत्काल उपलब्ध कराई जाए.
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बीडीओ अमित त्रिपाठी ने पत्र लिख लगाए आरोप
बीडीओ अमित त्रिपाठी ने बाराबंकी की मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए अपने त्याग पत्र में लिखा है, "पिछले एक माह से आप लोगों (सीडीओ व डीएम) द्वारा मुझे अत्यधिक परेशान किया जा रहा है. प्रताड़ना की पराकाष्ठा पार हो जाने के कारण मैं अत्यधिक परेशान और मजबूर हो चुका हूं. साथ ही मेरा परिवार भी मेरी हालत देखकर परेशान व विचलित है. बीडीओ के मुताबिक एक जुलाई को मेरा स्थानांतरण द्वारा पूरे डलई ब्लॉक में किया गया था. उसी दिन मैंने चार्ज भी प्राप्त कर लिया. लेकिन सांसद द्वारा रामनगर ब्लॉक के अन्य जन प्रतिनिधियों की मांग पर जिलाधिकारी से दोबारा रामनगर में स्थानांतरण के लिए दूरभाष से बात की गई. इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. जिसके बाद आठ जुलाई को दोबरा मेरा स्थानांतरण रामनगर कर दिया गया और शाम को लगभग 4:39 बजे जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर मुझे बुलाया गया. शाम 5:30 पर जिलाधिकारी आवास में पहुंचा. जिसके बाद आप (मुख्य विकास अधिकारी) व जिलाधिकारी द्वारा मुझे अत्यधिक डांटा गया एवं भविष्य में अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई. मैंने उस समय आप दोनों लोगों से क्षमा-याचना भी की थी. आप लोगों द्वारा रामनगर विकास खंड का आकस्मिक निरीक्षण किया गया और अस्वस्थ होने के बावजूद मुझे जबरदस्ती बुलाया गया. उस दौरान करीब दो-तीन घंटे तक मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया."
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31 जुलाई को रामनगर में की थी छापेमारी
दरअसल, बाराबंकी जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह, सीडीओ एकता सिंह, डीडीओ भूषण कुमार, परियोजना निदेशक मनीष कुमार, सहायक अभियंता टीएन सिंह ने ब्लाक रामनगर में औचक छापेमारी की थी. जानकारी के मुताबिक, छापेमारी में बीडीओ अमित त्रिपाठी ब्लॉक पर नहीं मिले थे. हालांकि, थोड़ी देर बाद बीडीओ भी ब्लॉक पहुंच गए थे. यहां आलाधिकारियों को नरेगा सेल में लंबित प्रकरण मिले, साथ ही पत्रावलियां भी ठीक नहीं मिली. इसके अलावा दो तालाबों के निरीक्षण में भी वहां काम होता नहीं मिला, जबकि मस्टर रोल भरे मिले. एस्टीमेट भी ज्यादा था. इस पर डीएम ने बीडीओ और डीसी मनरेगा को फटकार लगाई थी. इसके अलावा डीएम ने सभी ग्राम पंचायतों से पत्रावलियां तलब कर उसकी जांच करा रहे हैं. जिसपर बीडीओ ने आरोप लगाया कि अन्य ब्लॉकों को छोड़कर जिले के अधिकारी सिर्फ रामनगर ब्लॉक में ही छापेमारी कर रहे हैं. इस तरह के उत्पीड़न से परेशान होकर ही उन्होंने इस्तीफा दिया है. साथ ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की भी मांग की है, जिससे आगे किसी अधिकारी को इस तरह परेशान न होना पड़े.
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