Bhadrakali Jayanti 2023: मां काली का एक रूप भद्रकाली है,उनके इस रूप का प्राकट्य दिवस कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी को मनाया जाता है. ज्येष्ठनी अपरा एकादशी को भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भद्रकाली को मां काली के रूप में पूजा जाता है. दक्षिण भारत में इस दिन का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मां भद्रकाली की पूजा करने से सभी रोग, दोष और दुख खत्म हो जाते हैं.  इस साल भद्रकाली जयंती 15 मई 2023 को है. इस दिन अपरा एकादशी और वृषभ संक्रांति भी मनाई जाएगी. वैसे तो एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, लेकिन ज्येष्ठ की अपरा एकादशी के दिन भी मां भद्रकाली का व्रत रखा जाता है.


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भद्रकाली जयंती 2023 मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अपरा एकादशी 15 मई 2023 को 02 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 16 मई 2023 को 01 बजकर 3 मिनट तक शुभ मुहू्र्त रहेगा.


भद्रकाली जयंती का महत्व
मां भद्रकाली को शांति की देवी माना गया है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी भद्रकाली की उत्पत्ति भगवान शिव के बालों से हुई थी. भद्रकाली का शाब्दिक अर्थ है अच्छी काली. मां के इस रूप वह शांत हैं. भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि भद्रकाली जयंती पर इनकी पूजा करने से हर तरह के दुख दूर होते हैं. जीवन में सुख-समृद्धि आती है.


देवी भद्रकाली की पूजन विधि
भद्रकाली जयंती का व्रत रखें, काली मंदिर में मां को चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, फूल चढ़ाएं. धूप, दीप जलाएं और मां भद्रकाली के इस मंत्र का 108 बार जप करें. भाद्रं मंगलं सुखं व कल्याति स्विक्रोति भक्तेभ्योद्तुम इति भद्रकाली सुखप्रदा. आप इस दौरान काली चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. इसके बाद कन्या को भोजन कराएं और फिर व्रत तोड़कर शाम को भोजन करें.


मां भद्रकाली पूजा मंत्र


ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,दुर्गा क्षमा शिव धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और धार्मिक जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.


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