बाइक बोट घोटाले में सभी मामलों की जांच CBI के हवाले होगी, UP सरकार की सिफारिश
Bike Boat Ghotala : नोएडा समेत शहरों में हुए बाइक बोट घोटाले में लोगों को करोड़ों का चूना लगाया गया. इस मामले में मुख्य अभियुक्तों पर शिकंजा कसा जा चुका है.
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने बाइक बोट घोटाले (Bike Boat Scam) के सारे मामले अब जांच के लिए सुपुर्द करने का फैसला किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने इस बाबत केंद्र सरकार को सिफारिश भेज दी है. बाइक बोट घोटाले के तहत प्रदेश के अलग-अलग थानों में कुल 118 मुकदमे दर्ज हैं. अभी आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ( EOW) इनमें से 106 मुकदमों की जांच कर रही थी. बाकी के 12 मामलों की ही जांच ही सीबीआई के पास थी. माना जा रहा है दो जांच एजेंसियों के हाथों में अलग-अलग जांच होने को देखते हुए अब सारे मामले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया गया है.
बाइक बोट घोटाला के मास्टरमाइंड राजेश भारद्वाज की दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को नोएडा पुलिस जब्त कर चुकी है. नोएडा की क्लियो काउंटी सोसायटी के उसके मकान को भी कब्जे में ले लिया गया है. उस पर 2 लाख से भी ज्यादा लोगों से 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम के ठगी का आरोप है. आरोपी राजेश बुलंदशहर का रहने वाला है. राजेश ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गर्वित इनोवेटिव नाम से कंपनी बनाई और लोगों को ठगने के लिए जगह जगह ऑफिस खोले और पैसे जमा कराने लगे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की है.
बाइक बोट घोटाला - आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट
नोएडा पुलिस ने बाइक बोट घोटाले से जुड़े संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, विजयपाल कसाना, हरीश कुमार, विनोद कुमार, संजय गोयल, विशाल कुमार, राजेश सिंह यादव जैसे तमाम आरोपियों पर गैंगस्टर कानून के तहत शिकंजा कसा गया है. बाईक बोट घोटाले की शुरुआत में राजेश भारद्वाज और संजय भाटी जैसे आरोपियों की साठगांठ का नतीजा है.आरोपियों ने 2010 में एक कंपनी बनाकर बाइक बोट स्कीम शुरू की थी.
निवेश दोगुना करने का झांसा
इसके तहत, 62,200 रुपये का निवेश हर सदस्य से कराया गया और उसे हर साल 10 हजार रुपये के करीब कमीशन देने का वादा किया गया. घोटाले का यह पूरा जाल यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा जैसे कई राज्यों में फैला था. मल्टीलेवल मार्केटिंग के तहत ये कंपनी खोली गई थी. निवेशकों को एक साल में रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया था.