विशाल रघुवंशी/लखनऊ: राष्ट्रीय गोकुल मिशन पर काम कर रहे पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department)  को बड़ी कामयाबी मिली है. राज्य में पहली बार टेस्ट ट्यूब तकनीक (test tube technology) से बछिया और बछड़े का जन्म हुआ है. बाराबंकी (Barabanki) की प्रयोगशाला में 4 पशुओं के बच्चों ने जन्म लिया है. परखनली में भ्रूण विकसित कर गायों में प्रत्यारोपित किया गया था. 53 गायों में 70 भ्रूण ट्रांसप्लांट किए गए थे जिसमें से 4 में सफलता मिली. दो बछड़े और दो बछिया का जन्म हुआ है.बताया जा रहा है कि चारों पूरी तरह से स्वस्थ हैं.


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यहां पर हुआ था सबसे  पहले टेस्ट ट्यूब तकनीक से बछड़ा
भारत (India) में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक (artificial insemination techniques) से टेस्ट ट्यूब भैंस के बछड़े का जन्म गुजरात मे हुआ था. यह भैंस बन्नी नस्ल की थी. इसके साथ ही भारत में ओपीयू-आईवीएफ तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई थी. पहला टेस्ट ट्यूब बछड़ा, बन्नी नस्ल की भैंस के 6 बार गर्भाधान के बाद पैदा हुआ था. यह प्रक्रिया सुशीला एग्रो फार्म्स के किसान विनय एल.वाला के घर जाकर पूरी की गई थी. 


पीएम मोदी ने की बन्नी नस्ल की थी चर्चा
यह फार्म गुजरात (gujarat)  के सोमनाथ जिले के धनेज गांव में स्थित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (prime Minister Modi) ने जब 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ इलाके का दौरा किया था, तब उन्होंने बन्नी भैंस (Banni) की नस्ल के बारे में चर्चा की थी.


बाराबंकी में बनाई गई प्रयोगशाला
पशुपालन विभाग ने बाराबंकी में पशुओं में नस्ल सुधार पर प्रयोग करने के लिए प्रयोगशाला ( laboratory) स्थापित कर रखी है. यहां उन्नत किस्म के सांडों और गायों पर शोध किया जा रहा है. प्रयोगशाला में मुख्य रूप से मल्टी ओवुलेशन एम्ब्रयो ट्रांसफर तकनीक (Ovulation Embryo Transfer Technique)  से नस्ल सुधार पर काम किया जा रहा है.


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