Vaishakh Purnima 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है, इतना कि इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है, इस हिंदू तिथि पर धन, वैभव, सुख देने वाली माता लक्ष्मी अवतरित हुई थीं. वहीं, बौद्ध धर्म के लिए वैशाख पूर्णिमा की तिथि बहुत अधिक शुभ मानी गयी है. इसी तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ. यही कारण है कि इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा (Budhha Purnima 2023) के रूप में मनाया जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं हिंदू धर्म में मान्यता है कि माता लक्ष्मी, भगवान नारायण को वैशाख पूर्णिमा समर्पित है. पूर्णिमा पर चंद्रदेव अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण तो रहते ही हैं. यह दिन इतना शुभ है कि इस दिन किए गए तीर्थ स्नान और दान देने का बहुत पुण्य होता है. आइए वैशाख पूर्णिमा की तारीख, मुहूर्त और लगने वाले साल के पहले चंद्र ग्रहण का समय जानते हैं. इस बार के बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल पहले का महासंयोग फिर होगा. ऐसे में चंद्रग्रहण के कारण लगने वाले सूतक काल से बचते हुए किन शुभ मुहूर्त पर पूजा आदि करें इसे भी जानेंगे.


वैशाख पूर्णिमा 2023 की तारीख (Vaishakh Purnima 2023 Date) जानिए


5 मई 2023, शुक्रवार को वैशाख पूर्णिमा की तिथि पड़ रही है. इस साल का सबसे पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर ही लग रहा है. इस मौके पर भगवान सत्यनारायण की कथा करवाने और भगवान गौतम बुद्ध की पूजा करने की मान्यता है. इसी दिन कूर्म जयंती भी है. 


वैशाख पूर्णिमा 2023 का मुहूर्त (Vaishakh Purnima 2023 Muhurat)जान लीजिए 


पंचांग में बताई गई गणना के अनुसार 4 मई 2023 को वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है. 11 बजकर 44 मिनट से यह शुरू होकर, अगले दिन यानी 5 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी. 


पूरा मुहूर्त जान लीजिए- 
सुबह 04.12 - सुबह 04.55 तक स्नान का मुहूर्त है.
सुबह 07:18 - सुबह 08:58 तक सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त है.
चंद्रोदय को अर्घ्य देने के लिए शाम 06.45 बजे का समय शुभ है.
लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त की बात करें तो यह 05 मई 2023 की रात 11:56 से शुरू होकर 06 मई 2023 के प्रात: 12:39 तक शुभ है. 
कूर्म जयंती पूजा का मुहूर्त - शाम 04.18 से शुरू होकर शाम 06.59 तक रहेगा.


साल का पहला चंद्र ग्रहण ( Chandra grahan 2023)
5 मई को वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) (Buddha Purnima) तिथि पर चंद्र ग्रहण रात के समय 08 बजकर 45 मिनट पर लगेगा जो देर रात 01.00 बजे तक लगा रहेगा. रात 10 बजकर 53 मिनट पर चंद्र ग्रहण का परमग्रास होगा. वहीं सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले ही लग जाएगा लेकिन यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जिसका सूतक अमान्य होगा. 130 साल के बाद ऐसा समय आएगा जब बुद्ध पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लगेगा. 


वैशाख पूर्णिमा के महत्व को जान लेते हैं. (Vaishakh Purnima Signifiance)
वैशाख हिंदू पंचांग में दूसरा महीना आता है और इसी वैशाख की पूर्णिमा तिथि पर भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ. यही कारण है कि बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध जयंती के रूप में इस तिथि को मनाया जाता है. इसी दिन बोधगया के बोधिवृक्ष के नीचे भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. हिंदू धर्म की बात करें तो वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर ही कूर्म जयंती भी मनाई जाएगी. 


यह भी पढ़ें-  इंद्र योग में रखा जाएगा वैशाख Masik Shivratri व्रत? इस शुभ-मुहूर्त में होगी शिव पूजा, जानें भोले को खुश करने का अचूक मंत्र


यह भी पढ़ें- Laung Ka Pani Benefits : रोजाना पीएं पानी में लौंग उबालकर, जोड़ों में दर्द से भी मिलेगी निजात


WATCH: अतीक की मौत के बाद पहली बार सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान