CRIME NEWS: 10वीं के 4 बच्चों ने UKG में पढ़ने वाले छात्र का किया था अपहरण, फिरौती न मिलने पर दिया हत्या की वारदात को अंजाम
UP News: आरोपी छात्रों का प्लान था कि हर्ष के परिजनों से हर्ष के अपहरण के बदले बड़ी फिरौती की मांग की जाएगी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में हुए घोटाले नुकसान को पूरा किया जाएगा, लेकिन फिर अचानक सभी आरोपियों के दिमाग में बात आई कि हर्ष सभी को जानता है और घर जाकर पूरे मामले की पोल खोल देगा
मोहित गोमत/बुलंदशहर:उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नाबालिग 4 बच्चों ने एक ऐसे सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया, जिसे सुनकर आप अपने दांतों तले उंगली दबा लेंगे, बुलंदशहर में बेखौफ 14 साल के 4 बच्चों ने न सिर्फ अपहरण की वारदात को अंजाम दिया, बल्कि फिरौती पाने में नाकामयाब होने के बाद चारों नाबालिग बच्चों ने एक 7 वर्षीय मासूम को बेरहमी के साथ मौत की नींद सुला दिया, यह घटना समाज के दिल को झकझोर ने वाली है. आज के बच्चों के अपराध की दुनिया की ओर बढ़ाते कदमों को देखकर लगता है कि हम लोग भले ही चांद और मंगल ग्रह पर पहुंचकर आधुनिकता की बातें करते हो, लेकिन कहीं ना कहीं इस आधुनिकता ने समाज से बचपन छीन लिया है, फिर चाहे नाबालिग बच्चे के द्वारा मां का कत्ल हो या फिर पब्जी गेम खेलने को रोकने पर पिता की पिटाई का मामला.
नाबालिग बच्चों ने क्यों किया अपहरण?
यूं तो उत्तर प्रदेश का जनपद बुलंदशहर अक्सर आपराधिक वारदातों को लेकर चर्चाओं में रहता है, लेकिन इस बार चर्चा कुछ ज्यादा जोर पर है - वजह है नाबालिग बच्चों के द्वारा अपहरण जैसी बड़ी वारदात के बाद फिरौती की रकम न मिलने पर मासूम को मौत के घाट उतार देना. पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले नाबालिग बच्चों की उम्र मात्र 14 से 15 साल के बीच है. वही इन नाबालिग बच्चों ने जिस मासूम को मौत के घाट उतारा उसकी उम्र मात्र 7 साल थी. 14 साल की उम्र में बच्चे कॉपी किताबों के साथ खेलकूद से प्यार करते हैं, लेकिन बुलंदशहर के लिए चार नाबालिग किताबों को पढ़ते पढ़ते कब शातिर अपराधी बन बैठे इसका पता अपहरण के घटनाक्रम को खुलने के बाद पता लगा.
10 जुलाई को गया था स्कूल
थाना छतारी क्षेत्र में एसआर पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाला 7 साल का मासूम हर्ष 10 जुलाई की सुबह स्कूल जाने के बाद अचानक गायब हो गया. हर्ष एसआर पब्लिक स्कूल में यूकेजी क्लास का छात्र था, जब दोपहर में हर्ष स्कूल खत्म होने के बाद घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने हर्ष को लेकर स्कूल समेत आसपास के इलाकों में तलाश करनी शुरू की. देर शाम तक भी हर्ष नहीं मिल सका था अगले दिन दोपहर में थाना अलीगढ़ के एक रजवाहे में हर्ष का शव तैरता हुआ मिला था. जिसके बाद से लगातार पुलिस अपहरण के बाद हत्या की वारदात की गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई थी, लेकिन बुलंदशहर पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम के हाथ लगातार खाली हो नजर आ रहे थे, बीते 2 दिन पहले हर्ष के परिजनों ने घटना न खुलने पर छतारी में जमकर जाम लगाया और पुलिस पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
इसलिए दिए थे अपहरण की वारदात को अंजाम
पुलिस ने तफ्तीश तेज की और आज पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बताया कि 10 जुलाई को हर्ष के साथ स्कूल में पढ़ने वाले ही कक्षा 10 के एक छात्र ने हर्ष के अपरहण का प्लान बनाया, दरअसल नाबालिग आरोपी बीते कुछ दिन पहले ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने में नाकामयाब हुआ था और उसे एक बड़ी आर्थिक क्षति हुई थी. आरोपी नाबालिग छात्र इस आर्थिक क्षति को पूरा करना चाहता था और परिजनों की डांट से बचना भी चाहता था. इसी आर्थिक क्षति को पूरा करने और परिजनों की डांट से बचने के लिए इस दसवीं क्लास के नाबालिग छात्र ने अपने अन्य चार साथियों के साथ 10 जुलाई की सुबह स्कूल आने के बाद हर्ष का अपहरण कर लिया था. सभी छात्र हर्ष का अपहरण कर स्कूल से मोटरसाइकिल के द्वारा बुलंदशहर अलीगढ़ बॉर्डर पर पहुंच गए.
आरोपी छात्रों का प्लान था कि हर्ष के परिजनों से हर्ष के अपहरण के बदले बड़ी फिरौती की मांग की जाएगी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में हुए घोटाले नुकसान को पूरा किया जाएगा, लेकिन फिर अचानक सभी आरोपियों के दिमाग में बात आई कि हर्ष सभी को जानता है और घर जाकर पूरे मामले की पोल खोल देगा जिसके बाद सभी युवकों ने हर्ष की गला दबाकर हत्या कर दी और हर्ष के शव को सभी आरोपियों ने थाना छतारी से अलीगढ़ की ओर बहने वाली रजवाहे में बहा दिया.
CCTV कैमरे से खुल गई पोल
पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने तफ्तीश के दौरान स्कूल के बच्चों से सीसीटीवी कैमरे के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की तो सभी आरोपियों ने पूरे घटनाक्रम का कबूलनामा कर बताया कि उन्होंने ही अपहरण के बाद हर्ष की हत्या की थी, हालांकि बुलंदशहर पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को एक हफ्ते में खोल कर रख दिया, लेकिन समाज को यह सोचना होगा कि बढ़ती आधुनिकता और बढ़ते लालच के चलते हम लोग पैसा कमाने में तो व्यस्त हैं, लेकिन हमें अपने बच्चों की ओर भी पूरा ध्यान देना होगा हमें यह सोचना होगा कि बच्चे आखिर पढ़ाई के अलावा पूरे दिन क्या करते हैं, क्या सोचते हैं और क्या देखते हैं. और उनके ऊपर इन सभी चीजों का क्या प्रभाव पड़ता है. एक बड़ी नैतिक जिम्मेदारी समाज को एक बार फिर से बचपन को लेकर निभानी होगी ताकि बचपन अपराध से बचकर बचपन में ही जी सके.
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