Bundelkhand Expressway: PM MODI कल बुंदेलखंड वासियों को देंगे एक्सप्रेसवे की सौगात, जानें खासियत
Bundelkhand Expressway Opening News:बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) बनकर तैयार है और एक दिन बाद 16 जुलाई 2022 को बुंदेलखंड वासियों को इसकी सौगात मिलेगी..
जितेन्द्र सोनी/जालौन: बहुप्रतीक्षित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) बनकर तैयार है और एक दिन बाद 16 जुलाई 2022 को बुंदेलखंड वासियों को इसकी सौगात मिलेगी. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसका उद्घाटन करेंगे और उनके आगमन को लेकर तैयारियां पिछले कई दिनों से लगातार जारी है. मंच, पंडाल और पार्किंग व्यवस्था के लिए भुआ-कैथरी मौजे के आसपास के किसानों की करीब सौ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर बड़ा सा पंडाल लगाकर लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. जनसभा में आने वाले वाहनों के लिए भी 4 पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं.
पीएम के आगमन को लेकर लोगों ने जताई खुशी
पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर पूरे बुंदेलखंड में जश्न सा माहौल है. वहीं, जिस कैथेरी गांव से पीएम नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्धघाटन करेंगे. वहां के किसानों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरवशाली पल है कि देश के प्रधानमंत्री हमारे छोटे से गांव में आकर उत्तर प्रदेश को एक नए एक्सप्रेसवे की सौगात सौंपेगे.भविष्य में इस गांव के आसपास कोई इंडस्ट्री आयेगी तो कई परिवारों को रोजगार मिलेगा.
5 किमी के दायरे में चप्पे-चप्पे तैनात रहेगा फोर्स, संदिग्धों से होगी पूछताछ
पीएम के आगमन को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम स्थल के 5 किमी के दायरे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. एडीजी भानु भास्कर ने पुलिस ब्रीफिंग में बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई लापरवाही न बरती जाए. रास्ते में आने जाने वालों व्यक्तियों पर अपनी नजर रखे. लोगों को कोई अव्यवस्था न हो. जाम जैसे हालात न बने। जो रूट तैयार किया गया है उसी हिसाब से वाहन चले. कोई अन्य वाहन प्रवेश न कर सके. अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो सख्ती से पूंछताछ कर उसे आगे जाने दे.
7 जिलों के 200 गांव होंगे लाभान्वित, सबसे ज्यादा जालौन के गांव शामिल
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में शामिल बुंदेलखंड के पांच जिलों सहित सभी सातों जिलों के 200 से भी ज्यादा गांवों के लोग लाभान्वित होंगे. इसमें बुंदेलखंड के 150 से ज्यादा गांव भी शामिल हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा, लेकिन फिलहाल पक्की सड़क सिर्फ चार लेन की होगी. इनकी चौड़ाई 110 मीटर होगी. दो लेन बाद में विस्तारित किए जाएंगे. पैदल चलने वाले राहगीरों और पशुओं के लिए अंडरपास भी बनाया जाएगा. पूरे एक्सप्रेस-वे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल (दीर्घ सेतु), छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाई ओवर भी बनाए गए है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जिन जनपदों के गांवों से गुजर रहा है. उसमें सबसे ज्यादा 64 गांव जालौन जिले के हैं. औरैया जिले में 37, हमीरपुर जिले में 29, बांदा जिले में 28, चित्रकूट जिले में 9, महोबा जिले में 8 और इटावा जिले के 7 गांव शामिल हैं.
टोल टैक्स देकर ही दौड़ेंगे वाहन
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सफर मुफ्त नहीं होगा. एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों को टोल टैक्स भी अदा करना होगा. यूपीडा के मुताबिक, पूरे 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में 13 स्थानों पर टोल टैक्स लिया जाएगा. अलबत्ता, किसी भी स्थान से प्रवेश करने पर एक बार टोल टैक्स देना होगा. यह सूचना आरटीआई में दी गई है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना से लाभ
एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए तेज और सुगम यातायात कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. इससे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास की राह विकसित होगी. एक्सप्रेस-वे के नियंत्रित होने से ईंधन की खपत में महत्वपूर्ण बचत और प्रदूषण पर नियंत्रण भी संभव होगा. परियोजना के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित होगें. साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में भी वृद्धि होगी. विभिन्न निर्माण इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादक क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए, एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में स्थापित, एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्र के ओमनी दिशात्मक विकास में सहायता करेगा. एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा संस्थान आदि की स्थापना के भी अवसर प्राप्त होंगे. एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, बाजार और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा.
इन जिलों से गुजरने पर देना होगा टोल
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में 13 जगहों पर टोल व रैंप प्लाजा बनाएं जा रहे हैं, जिसमें से मुसाफिरों को 296 किमी लंबे एक्सप्रेसवे पर चित्रकूट (1), बांदा (4), महोबा (1), हमीरपुर (1), जालौन (3), औरैया (2), इटावा (1) समेत सात जिलों में निर्माणधीन टोल व रैंप प्लाजा से होकर गुजरना पड़ेगा.
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