औद्योगिक गलियारा बनेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, UP के 7 जिलों के 200 गांव होंगे लाभान्वित
यूपी के नक्शे में बुंदेलखंड की तस्वीर काफी धुंधली थी और पिछड़ापन और बदहाली यहां की तकदीर बन चुका था. इसी तस्वीर को साफ करने के लिए बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में बुंदेलखंड को प्राथमिकता में रखा और 2017 के चुनावों के बाद यहां पर एक के बाद सौगातों की बारिश करना शुरू कर दी.
जितेन्द्र सोनी/जालौन: यूपी के नक्शे में बुंदेलखंड की तस्वीर काफी धुंधली थी और पिछड़ापन और बदहाली यहां की तकदीर बन चुका था. इसी तस्वीर को साफ करने के लिए बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में बुंदेलखंड को प्राथमिकता में रखा और 2017 के चुनावों के बाद यहां पर एक के बाद सौगातों की बारिश करना शुरू कर दी. इसी का नतीजा हुआ कि इस वर्ष हुए विधानसभा के चुनावों में बीजेपी पार्टी ने बुंदेलखंड में दोबारा अपना परचम लहराया और यहां के बाशिंदो को हर घर नल, डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसी योजनाओं से नवाजा. यूपी की योगी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की आधारशिला रखी और मात्र 27 महीने में एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो गया. ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड वासियों के लिए विकास की धुरी साबित होगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी थी बुंदेलखंड एक्सप्रेस की नींव
296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे 14849.09 करोड़ की लागत से बनकर लगभग तैयार है, जिसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा एक्सप्रेस वे को विकसित किया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की नींव फरवरी माह में 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई. पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के लोगों के लिए यह बड़ी सौगात दी थी और कहा था कि चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लोगों को परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि बुंदेलखंड के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा.
जालौन जिले के किसानों की कुल भूमि का हुआ अधिग्रहण
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है और इसके लिए अब तक कुल 3462.2787 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. जून की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर कुल मिलाकर 881 ढांचे में से 874 ढांचे को तैयार कर लिया गया है. कुल 7 जिलों के 182 गांवों में 3653.6683 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसमें किसानों को भुगतान के लिए 19775972743 (करोड़) रूपये की राशि निर्गत की गई. अगर जिलेवार भूमि अधिग्रहण की बात करें तो चित्रकूट में (9.60) बांदा (61.31) हमीरपुर (63.04) महोबा (24.28) जालौन (77.85) औरैया (44.02) इटावा (15.18) हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
औद्योगिक गलियारा बनेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
सरकार ने बुंदेलखंड वासियों को एक्सप्रेस वे के साथ ही बुंदेलखंड में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी बड़ी परियोजना की सौगातों को शामिल किया ह. इस क्षेत्र के झांसी और चित्रकूट में रक्षा उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए जमीन सरकार ने तैयार की है. यूपीडा सीईओ का मानना है कि एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड विकास की मुख्यधारा में होगा. इस क्षेत्र में निवेश करने को उद्यमी आकर्षित होंगे. एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा. अब तक पिछड़े रहे इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं जन्म लेगी. इसके साथ ही बेरोजगारी की समस्या भी खत्म होगी. कोरोना काल में अपने घर वापस लौटे 50 हजार से ज्यादा मजदूरों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में रोजगार मिल चुका है.
7 जिलों के 200 गांव होंगे लाभान्वित, सबसे ज्यादा जालौन के गांव शामिल
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में शामिल बुंदेलखंड के पांच जिलों सहित सभी सातों जिलों के 200 से भी ज्यादा गांवों के लोग लाभान्वित होंगे. इसमें बुंदेलखंड के 150 से ज्यादा गांव भी शामिल हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा, लेकिन फिलहाल पक्की सड़क सिर्फ चार लेन की होगी. इनकी चौड़ाई 110 मीटर होगी. दो लेन बाद में विस्तारित किए जाएंगे. पैदल चलने वाले राहगीरों और पशुओं के लिए अंडरपास भी बनाया जाएगा. पूरे एक्सप्रेस-वे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल (दीर्घ सेतु), छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाई ओवर भी बनाए गए है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जिन जनपदों के गांवों से गुजर रहा है. उसमें सबसे ज्यादा 64 गांव जालौन जिले के हैं. औरैया जिले में 37, हमीरपुर जिले में 29, बांदा जिले में 28, चित्रकूट जिले में 9, महोबा जिले में 8 और इटावा जिले के 7 गांव शामिल हैं.
टोल टैक्स देकर ही दौड़ेंगे वाहन
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सफर मुफ्त नहीं होगा. एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों को टोल टैक्स भी अदा करना होगा. यूपीडा के मुताबिक, पूरे 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में 13 स्थानों पर टोल टैक्स लिया जाएगा. अलबत्ता, किसी भी स्थान से प्रवेश करने पर एक बार टोल टैक्स देना होगा. यह सूचना आरटीआई में दी गई है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना से लाभ
एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए तेज और सुगम यातायात कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा. इससे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास की राह विकसित होगी. एक्सप्रेस-वे के नियंत्रित होने से ईंधन की खपत में महत्वपूर्ण बचत और प्रदूषण पर नियंत्रण भी संभव होगा. परियोजना के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित होगें. साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में भी वृद्धि होगी. विभिन्न निर्माण इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादक क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए, एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में स्थापित, एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्र के ओमनी दिशात्मक विकास में सहायता करेगा. एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा संस्थान आदि की स्थापना के भी अवसर प्राप्त होंगे. एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, बाजार और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा.
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