बेटियों की शादी की कानूनी उम्र 18 से 21 साल करने पर कैबिनेट ने लगाई मुहर, प्रस्ताव हुआ पास
सरकार देश की लड़कियों को सशक्त करने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला लिया है. इस फैसले से से उनकी अपनी पढ़ाई और डेवलपमेंट का भी मौका मिलेगा.
नई दिल्ली: भारत में बेटियों की शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने (Women Marriage Age) के लिए सरकार ने अपना कदम बढ़ा दिया है. बुधवार को हुई कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक में बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट (Modi Cabinet) ने मुहर लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. केंद्र सरकार (Central Government) ने मौजूदा कानूनों में लड़कियों के शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 18 से बढ़ाकर 21 साल करके संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
21 साल होगी बेटियों की शादी की उम्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले (Red Fort) से अपने संबोधन में बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का उल्लेख किया था. अब सरकार ने अपनी बात पर अमल कर दिया है. उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए ये जरुरी है कि उनकी शादी सही समय पर हो. फिलहाल मौजूदा समय में जो कानून है उसके मुताबिक, देश में पुरुषों का शादी 21 साल की उम्र में हो सकती हैं, वहीं लड़कियों की शादी 18 साल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले (Red Fort) से अपने संबोधन में बेटियों की शादी की उम्र 21 साल करने का उल्लेख किया था. अब सरकार ने अपनी बात पर अमल कर दिया है. उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए ये जरुरी है कि उनकी शादी सही समय पर हो. फिलहाल मौजूदा समय में जो कानून है उसके मुताबिक, देश में पुरुषों का शादी 21 साल की उम्र में हो सकती हैं, वहीं लड़कियों की शादी 18 साल है.
सरकार ने दी मंजूरी
अब सरकार देश की लड़कियों को सशक्त करने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला लिया है. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कैबिनेट में मिली मंजूरी के बाद सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 (The Prohibition of Child Marriage Act, 2006 ), विशेष मैरिज एक्ट (Special Marriage Act, 1954) और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (The Hindu Marriage Act, 1955) जैसी एक्ट में संशोधन किया गया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार मैटरनल मोर्टेलिटी रेट में कमी लाना चाहती है. कहा जा रहा कि बेटियों की शादी 21 साल की उम्र में करने से उनकी अपनी पढ़ाई और डेवलपमेंट का भी मौका मिलेगा.
अब सरकार देश की लड़कियों को सशक्त करने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला लिया है. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कैबिनेट में मिली मंजूरी के बाद सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 (The Prohibition of Child Marriage Act, 2006 ), विशेष मैरिज एक्ट (Special Marriage Act, 1954) और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (The Hindu Marriage Act, 1955) जैसी एक्ट में संशोधन किया गया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार मैटरनल मोर्टेलिटी रेट में कमी लाना चाहती है. कहा जा रहा कि बेटियों की शादी 21 साल की उम्र में करने से उनकी अपनी पढ़ाई और डेवलपमेंट का भी मौका मिलेगा.
पिछले साल सौंपा गया था प्रस्ताव
बता दें, सरकार ने पिछले साल जून में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था. टास्क फोर्स ने साल 2020 में ही शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार समता पार्टी की पूर्व सदस्य और टास्क फोर्स की प्रमुख जया जेटली ने इसकी सिफारिश की थी. साथ ही टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में लड़कियों के मां बनने की उम्र सीमा और महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी अपनी सिफ़ारिश दी थी.
बता दें, सरकार ने पिछले साल जून में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था. टास्क फोर्स ने साल 2020 में ही शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार समता पार्टी की पूर्व सदस्य और टास्क फोर्स की प्रमुख जया जेटली ने इसकी सिफारिश की थी. साथ ही टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में लड़कियों के मां बनने की उम्र सीमा और महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी अपनी सिफ़ारिश दी थी.
कानून मंत्री का बयान
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश की सरकार आज यानी 16 दिसंबर को अपना अनुपूरक बजट पेश करेगी. इसी पर कानून मंत्री बृजेश पाठक से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि सरकार सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए इस बजट को ला रही है. इसके साथ-साथ उन्होंने महिलाओं के विवाह की उम्र 18 से 21 किए जाने के फैसले को काफी सराहनीय बताया.
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश की सरकार आज यानी 16 दिसंबर को अपना अनुपूरक बजट पेश करेगी. इसी पर कानून मंत्री बृजेश पाठक से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि सरकार सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए इस बजट को ला रही है. इसके साथ-साथ उन्होंने महिलाओं के विवाह की उम्र 18 से 21 किए जाने के फैसले को काफी सराहनीय बताया.
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