Air Fare Cap: केंद्र सरकार ने हवाई यात्रियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने कोरोनो वायरस महामारी के दौरान 2020 में घरेलू एयरलाइनों पर लगाए गए एयर फेयर कैप को हटाने का फैसला किया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर फेयर कैप 31 अगस्त से हटाए जाने का बड़ा फैसला लिया है. एविएशन मंत्रालय ने बताया कि डेली मांग और एटीएफ प्राइस विश्लेषण के बाद विमान किराया कैप हटाने का निर्णय लिया गया है. 


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एयरकैप हटने से राहत
एयर कैप हटने से एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. वो अपने हिसाब से फ्लाइट का किराया तय कर सकेंगे. पहले कंपनियों को इस एयरकैप के अनुसार ही किराया रखना होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब एयरलाइन कंपनियां अपने हिसाब से खुद मार्केट में कॉम्पीटिशन के लिए स्वतंत्र हैं. नई एयरलाइन कंपनी अकासा एयरलाइन सस्ते में टिकट बेचकर इंडिगो, गो फर्स्ट समेत एयरलाइन कंपनियों के बीच कॉम्पीटिशन को बढ़ा दिया था. ऐसे में एयरलाइन्स कंपनी भी अब अपने हिसाब से रेट तय कर सकेंगी. 


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क्या है एयरकैप?
कोरोना काल में सरकार ने एयरलाइन्स के लिए एक किराया कैप सिस्टम 'एयरकैप' लागू किया था, जिसमें सरकार हर 15 दिनों के अंतराल पर एयरलाइनों के न्यूनतम और अधिकतम किराये का एक बैंड निर्धारित करती थी. एयरलाइन इस बैंड के ऊपर या नीचे अपना किराया नहीं रख सकते हैं. यानी उन्हें इसी कैप के बीच किराया तय करना था. लेकिन इस कैप के हटने के बाद अब एयरलाइन्स किराये को तय करने के लिए आजाद हैं. 


किराए में हो सकती है जबरदस्त कमी
आपको बता दें कि कोरोना महामारी का संक्रमण कम होने के बाद 25 मई 2020 से जब एयर सर्विस की शुरुआत हुई तब सरकार ने एयर फेयर रेग्युलेट करने का फैसला लिया था. कोरोना के घटते मामलों के बाद हवाई सफर करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ. इसके बाद सरकार ने एयर फेयर में लिमिट लगाने का रिव्यू किया. लेकिन, अब सरकार ने फैसला किया है कि 31 अगस्त 2022 से एयरलाइंस खुद हवाई किराया तय करेंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि यात्रियों को लुभाने के लिए एयरलाइंस हवाई किराए में भारी कमी कर सकती हैं. 


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