Rajasthan Bird Flu: राजस्थान के फलोदी जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, खासकर खीचन इलाके में मृत पाए गए डेमोसाइल क्रेन (कुरजां) की विसरा जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
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Rajasthan Bird flu Virus: राजस्थान के फलोदी जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, खासकर खीचन इलाके में मृत पाए गए डेमोसाइल क्रेन (कुरजां) की विसरा जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. विसरा के सैंपल 19 दिसंबर को भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनीमल डिजीज लैब में भेजे गए थे, जहां से शनिवार शाम 6 बजे आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई.
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद स्थानीय प्रशासन और वन विभाग में चिंता बढ़ गई है. आशंका है कि इस वायरस के चपेट में आने से केवल कुरजां नहीं, बल्कि अन्य पक्षी प्रजातियां भी संकट में पड़ सकती हैं. फलोदी के खीचन इलाके में अब तक संक्रमण से 7 कुरजां की मौत हो चुकी है, जिससे स्थानीय अधिकारियों को इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी पड़ सकती है.
राजस्थान के फलौदी में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट आने के बाद केवला देव राष्ट्रीय उद्यान में अलर्ट जारी कर दिया गया है. केवलादेव बर्ड सेंचुरी में टीमें अलर्ट मोड पर हैं और 2 टीमें पार्क में बर्ड्स का ऑब्जर्वेशन कर रही हैं. राहत की बात यह है कि पार्क में अभी तक किसी भी बर्ड्स में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं. इन दिनों केवला देव नेशनल पार्क में माइग्रेटरी बर्ड्स का जमावड़ा है, लेकिन डेमोसियल क्रेन अभी तक पार्क में नहीं पहुंची हैं. फलौदी में डेमोसियल क्रेन में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट आने के बाद पार्क प्रशासन अलर्ट हो गया है.
कलेक्टर एचएल अटल ने रिपोर्ट मिलते ही तुरंत कार्रवाई की और सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र में सतर्कता बनाए रखें. इसके अलावा, उन्होंने पशुपालन, वन, पुलिस, उद्योग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागों की संयुक्त बैठक ली, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को संभावित संक्रामक रोगों की रोकथाम, बचाव और सर्वेक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए.
पशुपालन विभाग और वन विभाग ने बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है. पशुपालन विभाग ने रेपिड रेस्पॉन्स टीम गठित की है, जबकि वन विभाग ने निगरानी और सर्वेक्षण दलों को तैनात किया है. कुरजां पक्षियों के पड़ाव स्थलों और विचरण क्षेत्रों में सतर्क निगरानी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके.
जिला प्रशासन और वन विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे कुरजां के प्रवास वाले क्षेत्रों में न जाएं, ताकि बर्ड फ्लू के प्रसार को रोका जा सके. कलेक्टर के आदेश पर वनकर्मियों की एक टीम कुरजां के ठहरने वाले स्थलों पर तैनात की गई है, जो लोगों को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकेंगी और संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद करेंगी.
फलोदी जिले के खीचन क्षेत्र में डेमोसाइल क्रेन (कुरजां) में बर्ड फ्लू के वायरस के लक्षण पाए गए हैं. पिछले पांच दिनों में सात कुरजां की मौत हो चुकी है, जिससे स्थानीय प्रशासन और वन विभाग में चिंता बढ़ गई है. मृत पक्षियों के विसरा की जांच में बर्ड फ्लू के संकेत मिले हैं, जिससे आशंका है कि न केवल कुरजां बल्कि अन्य पक्षी प्रजातियां भी संकट में पड़ सकती हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है.
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