Second Lunar Eclipse 2023 Date: जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है. इस खगोलीय घटना का विज्ञान और ज्योतिष दोनों में विशेष महत्व  है. साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगा था. उस दिन वैशाख पूर्णिमा थी. यह ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण बहुत खास रहने वाला है क्योंकि यह पूरे साल में लगने वाले सभी ग्रहणों में एक मात्र ऐसा ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा.


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भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा.


29 अक्टूबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. इसलिए यहां इसका सूतक भी मान्य होगा. सूतक लगने की वजह से इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों नहीं हो सकेंगे. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक काल मान्य हो जाता है. सूतक लगने के बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. इस अवधि में पूजा-पाठ पर रोक लग जाती है. 


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इस चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण एक खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा. इसे आंशिक चंद्रग्रहण भी कहा जाता है. यह खंडग्रास चंद्रग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा. विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है. इसे अद्भुत खगोलीय घटना माना जाता है. वहीं ज्योतिष मे इसे समुंद्र मंथन की कथा और राहु-केतु से जोड़ा जाता है. इसलिए ग्रहण लगने की घटना को धार्मिक नजरिए से शुभ नहीं माना जाता है.