Char Dham Yatra 2023: चारधाम यात्रा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है. इस साल शुरू होनेवाली चारधाम यात्रा के लिए तारीखों की घोषणा करदी गई है. आपको बता दें कि चार धाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होगी. 21 अप्रैल को ऊखीमठ से बाबा की सवारी केदार धाम के लिए प्रस्थान करेगी.  गुप्तकाशी में रात्री विश्राम करने के बाद 22 को बाबा की डोली फाटा पहुंचेगी.  23 अप्रैल को डोली गौरीकुंड पहुचने के अगले दिन यानी 24  शाम को केदारनाथ धाम पहुंचेगी.  इसके बाद 25 अप्रैल की सुबह केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से खोल दिए जाएंगे.  


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यात्रा से पहले मन में आते हैं कुछ ऐसे सवाल?
चारधाम यात्रा पंजीकरण कैसे करें? क्या चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बनवाना होगा? और यह यात्रा कब शुरू होगी आदि की जानकारी हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए आप अपनी यात्रा आसान और मंगलमय बना सकते हैं.  तो आइए जानते है यात्रा के नए नियम. 


उतराखंड के निवासियों को नहीं है पंजीकरण की जरूरत 
यह चार धाम यात्रा पंजीकरण सिर्फ उन लोगो का होता है जो उत्तराखंड के निवासी नहीं होते. अगर आप उत्तराखंड के रहने वाले है तो आपको पंजीकरण करवाने की कोई आवश्यकता नहीं है. 


बिना E-PASS के होगी आपकी चारधाम यात्रा
इस बार श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा करने के लिए किसी को भी ई-पास (E-PASS)  बनवाने की कोई जरुरत नहीं होगी. अब सभी यात्रियों को सिर्फ अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. और सिर्फ रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही आप आसानी से और बिना किसी रोक-टोक अपनी यात्रा कर पाएंगे. 


देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर हो रहा पंजीकरण
चारधाम की यात्रा करने में उत्सुक सभी यात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करना होगा. चारधाम यात्रा का पंजीकरण करने के लिए आपको देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल साइट पर जाना होगा और अपनें आधार कार्ड की डिटेल्स डालनी होगी.  इसके अलावा ऋषिकेश और यात्रा मार्ग पर अलग-अलग जगह पंजीकरण केंद्रों की सुविधा उपलब्ध होगी. पंजीकरण के  बाद यात्री चार धाम की यात्रा के साथ साथ उत्तराखंड में भी कहीं भी घूम सकते हैं. 


वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और RTPCR रिपोर्ट जरूरी 
जिन यात्रियों ने कोरोना वायरस की वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है उन्हे डोज लगवाने के 15 दिन बाद का सर्टिफिकेट दिखाना होगा.  जिन यात्रियों ने एक वैक्सीनेशन डोज़ या कोई भी डोज़ नहीं लगवाई है उन्हें 72 घंटे के अंदर का अपना नेगेटिव आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट दिखाना होगा. सर्टिफिकेट को दिखाने के बाद ही आप को यात्रा करने की अनुमति मिल पाएगी. 


यह भी जान लें... 
यात्रा के दौरान अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाए तो उसे जांच के लिए वापिस भेजा जाएगा और अगर तब उसकी हालत गंभीर हुई तो एक प्रोटोकॉल के तेहत आगे क्या करना है यह देखा जायेगा. यात्रियों को यात्रा और दर्शन के समय भी नियमों का पालन करना होगा साथ ही साथ सारे कार्य प्रोटोकॉल के नियम के अनुसार ही करने होंगे. मंदिर के आंगन में प्रसाद देना और किसी भी प्रकार का टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी। उसके साथ ही साथ सभी यात्रिओं को कोई भी मूर्तियों, घंटियों व ग्रंथो को छुने की कोई अनुमति नहीं होगी.