तंत्र-मंत्र या कोरोना का डर, 4 साल तक पत्नी और बच्चों को घर में कैद रखा, जानें आखिर कैसा जिंदा रहा परिवार
Chitrakoot News : तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को 4 वर्षों तक अपने घरों में कैद रखा. घर में कहीं से हवा न पहुंच पाए इसके लिए दरवाजे और खिड़कियों में कच्चे गारे का लेप लगा दिया. गुरुवार को जब बच्चों के मौसा-मौसी और और मामा पहुंचे तो ताला बंद देख चिंतित हो गए.
Chitrakoot News : चित्रकूट में तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को 4 वर्षों तक अपने घरों में कैद रखा. घर में कहीं से हवा न पहुंच पाए इसके लिए दरवाजे और खिड़कियों में कच्चे गारे का लेप लगा दिया. गुरुवार को जब बच्चों के मौसा-मौसी और और मामा पहुंचे तो ताला बंद देख चिंतित हो गए. उसके बाद उन्होंने पड़ोसियों की मदद से चाइल्डलाइन को सूचना दी. चाइल्डलाइन टीम ने बच्चों और उनकी मां को मुक्त कराया.
यह है पूरा मामला
दरअसल, चित्रकूट चाइल्डलाइन को सूचना मिली कि कर्वी कोतवाली क्षेत्र के तरौंहा के दुर्गाकुंज निवासी काशी केशरवानी ने पत्नी पूनम के साथ अपने दो बच्चों रजत और हर्शिता को घर के अंदर कैद कर रखा है. वह न तो बच्चों को घर से निकलने देता है और न उनको पढ़ाई करने देता है. सूचना मिलने पर चाइल्डलाइन टीम को मौके पर भेज दिया गया.
अंधेरे कमरे में बैठे मिले सभी
यहां घर का ताला खुलवाया गया तो पाता चला कि एक अंधेरे कमरे में मां और दोनों बच्चे बैठे थे. साथ ही तंत्र-मंत्र की काफी सामग्री पड़ी थी. कमरे में भीषण गंदगी थी. बच्चों की हालत बहुत खराब थी. पुलिस ने एंबुलेस से सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया. यहां चिकित्सकों ने बताया कि सभी मानसिक बीमार नजर आ रहे. बच्चों को देखकर लगता है कि ये कई दिनों से नहाए नहीं हैं और इनको भरपेट खाना तक नहीं मिला.
घर से बच्चों और मां का निकलना बंद था
चाइल्डलाइन की टीम ने बताया कि पहले तो काशी ने घर का ताला खोलने से ही इनकार कर दिया. काफी मान-मनौव्वल और मशक्कत के बाद जब ताला खोला और पुलिस टीम के साथ अंदर घुसे तो वहां भीषण बदबू से उनकी हालत खराब हो गई. रसोईघर का रोशनदान तक ईंटों से बंद था. किसी तरह बच्चों और मां को बाहर निकाला गया.
व्यापार चौपट होने से तांत्रिक के चक्कर में आया
बताया गया कि घर के बीचो बीच मिट्टी से चबूतरा बनाया गया था. वहां पर दीपक रखे थे. किसी देवी-देवता की फोटो वहां नहीं थी.
नमकीन का अच्छा कारोबार करता था काशी
कुछ साल पहले तक काशी का दालमोठ नमकीन का कारोबार अच्छा चल रहा था. कोरोना के पहले यह परिवार काफी संपन्न और खुश था, जब यहां आए तो पता नहीं क्या हुआ, सब बदल गया. व्यापार ठप हो गया, उसकी बेटी भी बीमार रहने लगी. काशी इसकी वजह घर को मानता था और किसी तांत्रिक के कहने पर तंत्रमंत्र की प्रक्रिया करने लगा था.
पुलिस तांत्रिक का पता लगाने में जुटी
कोरोना काल से काशी केसरवानी अपने बेटे रजत, बेटी हर्षिता और पत्नी पूनम को घर से बाहर नही निकलने दिया था और न किसी से मिलने दिया था. रिश्तेदार आते थे तो घर के दरवाजे बंद देख वापस चले जाते थे. बेटी हर्षिता कक्षा 8 और बेटा रजत कक्षा 4 में पढ़ते थे उस समय लेकिन कैद के चलते 4 वर्षों से दोनों की पढ़ाई बंद है.
चाइल्ड लाइन से मदद मांगी
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस था. काशी के साढू सुरेश चंद्र अपनी पत्नी के साथ बिना मन के चित्रकूट पहुंचे और घंटों दरवाजा पीटने के बाद जब काशी बाहर निकला. इससे वह चाइल्डलाइन के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देकर मदद मांगी. चाइल्ड लाइन की टीम किसी तरह से परिवार को आजाद कराया.
घर के अंदर 3 फीट के गड्ढे
पड़ोसियों की मानें तो काशी ने घर के अंदर 3 गड्ढे खोद रखे थे जिनसे अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर कोई अनहोनी होती तो शायद घर के अंदर ही दफन भी करता.