लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने रामचरित मानस को लेकर सपा को खूब खरीखोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि ''समाजवादी पार्टी ने रामचरित मानस पर विवाद खड़ा किया. यूपी तो मर्यादापुरुषोत्तम राम और श्री कृष्ण की धरती है. रामचरित मानस अवधी में रची गई. शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है न कि जाति से. चौपाइयों की सही व्याख्या की जानी चाहिए. जिस संत ने रामचरितमानस की रचना की थी, उन्होंने बहुत अच्छा संदेश दिया था,वह राम को ही राजा मानते थे. सपा हर बार एक शिगूफा छोड़ती है. कुछ लोगों ने रामचरित मानस को फाड़ने की कोशिश की. यही घटना अगर किसी दूसरे मजहब के साथ हुई होती तो,देखते क्या होता. मध्यकाल में तुलसीदास जी ने भगवान राम के माध्यम से एकजुट करने का प्रयास किया था. उन्होंने समाज को एक किया. तुलसीदास दास जी ने अवधी में रामचरित मानस की रचना रची. अवधी में कहते हैं, एतनी देर से का ताड़त अहा! ताड़त का मतलब देखने से है.''


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सीएम ने कहा सपा कार्यालय से चल रहा अभियान



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी का कार्यालय आज संत तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है. रामचरितमानस में ये प्रसंग समुद्र से रास्ता मांगने के समय आता है. ये वही पंक्ति है, ढोल गंवार,शुद्र पशु नारी. इस दौरान सीएम ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियं भी गिनाई. 


 



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दरअसल पिछले महीने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद प्रदेश और देश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का नयौ दौर देखने को मिला था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस की कुछ चौपाईयों पर सवाल उठाते हुए उस पर प्रतिबंध की मांग की थी. उनके इस बयान का बीजेपी के साथ ही संत समाज ने काफी विरोध किया था.


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