अजीत सिंह/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों को राहत देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने हाल ही में खाद्य एवं रसद विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में गेहूं की खरीद को लेकर समीक्षा बैठक की. मीटिंग में सीएम ने कहा कि प्रदेश में 5 हजार 568 गेहूं क्रय केंद्रों के माध्यम से 46 हजार 425 किसानों से अब तक 1.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई इस खरीद के माध्यम से लगभग 375.46 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.


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गेहूं खरीद के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश 
सीएम योगी ने किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन में प्रगति लाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि जनपदों में संचालित समस्त क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीद तय करायी जाए.जनपद स्तर पर पंचायती राज्य विभाग का सहयोग हासिल कर ग्राम पंचायत के माध्यम से गेहूं खरीद कराए जाने की कार्ययोजना तैयार की जाए. ग्राम प्रधानों को क्रय लक्ष्य देते हुए उनका सहयोग प्राप्त कर गेंहू खरीद में तेजी लाई जाए, जिस ग्राम प्रधान द्वारा सबसे अधिक गेंहू सरकारी केंद्रों पर विक्रय किया गया हो, उनको सम्मानित किया जाए.मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से भी गेहूं की खरीद में प्रगति लाई जाए तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए. 


केंद्र सरकार भी जारी कर चुकी है आदेश 
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद पर प्रदेश सरकार का ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार का भी विशेष ध्यान है. गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने बीते 24 अप्रैल को आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि प्रदेश में पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से भी गेहूं खरीदा जाए. आरएमएस के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से एफ.ए.क्यू. गेहूं खरीद पर अन्य समितियों की भांति उन्हें नियमानुसार 27 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन देय होगा.


किसानों की आय को ढाई गुना करने के मिशन में जुटी योगी सरकार पर कोरोना काल में भी किसानों ने विश्वास जताते हुए रिकॉर्ड खाद्यान्न भंडारण किया, जिससे 2018 से लेकर 2021 तक सरकार को करीब चार करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है. शुक्रवार को राज्य भंडारण निगम के अध्यक्ष और प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने मुख्यमंत्री को लाभांश 3,88,63,440 रुपये का चेक प्रदान किया. उप्र राज्य भण्डारण निगम की ओर से वर्ष 2018-19 में 90.36 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 112.01 करोड़ रुपए एवं वर्ष 2020-21 में 165.53 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया है. 


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निगम की ओर से बताया गया कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुरुप किसानों की इनकम दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति के क्रम में 168 भण्डारगृहों को डल्यूडीआरए (भण्डारागार विकास विनियामक प्राधिकरण) में पंजीकृत कराया गया है. इन भण्डारगृहों में कृषकों के उत्पादों को भण्डारित करने पर किसानों को एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) का लाभ प्राप्त होता है. किसान अपना जितना भी कृषि उत्पाद डब्लूडीआरए के अर्न्तगत भण्डारित करेगा, भण्डारगृह द्वारा उतनी मात्रा की एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) जारी कर किसानों को मुहैया करायी जाएगी.


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