2025 Future: मिलेगी अमरता.. बदसूरत हो जाएगा इंसान! 100 साल पहले लिख दिया गया था 2025 का भविष्य
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2025 Future: मिलेगी अमरता.. बदसूरत हो जाएगा इंसान! 100 साल पहले लिख दिया गया था 2025 का भविष्य

2025 Shocking Future: नए साल की शुरुआत के साथ लोगों में यह जानने की जिज्ञासा बढ़ने लगी है कि साल 2025 कैसा जाने वाला है. तो आपको बता दें कि 2025 के बारे में 100 साल पहले साल 1925 में ही कई भविष्यवाणियां की जा चुकी हैं.

2025 Future: मिलेगी अमरता.. बदसूरत हो जाएगा इंसान! 100 साल पहले लिख दिया गया था 2025 का भविष्य

2025 Shocking Future: नए साल की शुरुआत के साथ लोगों में यह जानने की जिज्ञासा बढ़ने लगी है कि साल 2025 कैसा जाने वाला है. तो आपको बता दें कि 2025 के बारे में 100 साल पहले साल 1925 में ही कई भविष्यवाणियां की जा चुकी हैं. कुछ विद्वानों और वैज्ञानिकों ने 2025 के भविष्य की अजीब कल्पना की थी. उनकी बातें आपको कभी मजेदार तो कभी चौंकाने वाली लग सकती हैं. उन्होंने ऐसी दुनिया का सपना देखा था.. जहां इंसान अमर हो जाएगा. हर कोई एक ही भाषा बोलेगा और गरीबी खत्म हो जाएगी. कुछ ने यह भी कहा कि इंसान बदसूरत हो जाएगा और आर्टिफिशियल खाना खाएगा.

क्या इंसान बदसूरत हो जाएगा?

अमेरिकी मनोवैज्ञानिक अल्बर्ट ई. विग्गम ने यह अजीब भविष्यवाणी की थी कि सुंदर और बुद्धिमान लोगों की तुलना में बदसूरत लोग ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे. उन्होंने कहा था कि अमेरिकी सुंदरता खत्म हो जाएगी. और 100 साल बाद एक भी खूबसूरत लड़की नहीं मिलेगी. यह भविष्यवाणी आज भी सुनने में अजीब लगती है.

अमरता और लंबी उम्र का सपना

1902 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने कहा था कि 2025 तक इंसान 150 साल तक जी सकेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि वैज्ञानिक खोजों के जरिए इंसान अमर हो सकता है. हालांकि, आज भी यह सपना सच नहीं हुआ है. लेकिन औसत जीवन प्रत्याशा जरूर बढ़ गई है.

दुनिया के नए सुपरपावर

द टाइम मशीन और द वॉर ऑफ द वर्ल्ड्स जैसी किताबें लिखने वाले जाने-माने लेखक एचजी वेल्स ने भविष्यवाणी की थी कि 2025 तक दुनिया तीन बड़े क्षेत्रों में बंट जाएगी.. अमेरिका, यूरोप और चीन. हालांकि आज भी देश स्वतंत्र हैं.. लेकिन वैश्विक राजनीति में इन तीनों का प्रभाव काफी बढ़ा है.

एक भाषा और एक मुद्रा का सपना

कई विद्वानों ने यह भी कहा था कि 2025 तक पूरी दुनिया एक ही सरकार के तहत आएगी और सभी लोग एक ही भाषा बोलेंगे. उन्होंने यह भी सोचा था कि व्यापार और यात्रा के लिए कोई सीमा नहीं होगी. हालांकि, यह सपना आज भी अधूरा है.. लेकिन वैश्वीकरण ने देशों को काफी करीब ला दिया है.

भविष्य की तकनीक की कल्पना

ब्रिटिश वैज्ञानिक आर्चिबाल्ड एम लो ने 1925 में अपनी किताब द फ्यूचर में कई तकनीकी आविष्कारों की कल्पना की थी. उन्होंने कहा था कि 2025 तक लोग टेलीविजन मशीन, ब्रेकफास्ट ट्यूब, ऑटोमैटिक बेड, वायरलेस बैंकिंग और चलने वाले फुटपाथ का इस्तेमाल करेंगे. इनमें से कई चीजें आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं.

आर्टिफिशियल खाना और नींद का ऑप्शन

प्रोफेसर लोवेल जे रीड ने चेतावनी दी थी कि 2025 तक अमेरिका में खाने की कमी हो सकती है. उन्होंने इसका समाधान कृत्रिम भोजन को बताया था. वहीं, डॉ. एआर वेंट्ज ने नींद के विकल्प के रूप में एक रसायन की कल्पना की थी. उन्होंने यह भी कहा था कि एक ऐसी डिवाइस बनेगी जिससे लोग दूर रहते हुए भी एक-दूसरे को देख और सुन सकेंगे. आज मोबाइल फोन और वीडियो कॉलिंग इस भविष्यवाणी को सच साबित करते हैं.

गरीबी का अंत

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ऑफ अमेरिका की अध्यक्ष सोफी इरीन लोएब ने कहा था कि 2025 तक गरीबी खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा था कि हर बच्चा अपने घर में होगा और किसी को दान की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, यह सपना अभी भी अधूरा है. 1925 में की गई कई भविष्यवाणियां आज सच हो चुकी हैं.. जैसे कि तकनीकी विकास और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि. लेकिन अमरता, एक भाषा और गरीबी के अंत जैसी बातें अब भी सिर्फ कल्पना हैं.

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