लखनऊ: विदेश में बसे उत्तर प्रदेश के लोग अब अपने पैतृक गांव में अपने पुरखों के नाम पर सामुदायिक केंद्र, बारात घर जैसे अन्य निर्माण करवा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इसमें सरकार एनआरआई लोगों की  मदद करेगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पंचायती राज विभाग की यूपी मातृभूमि योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य के लिए सरकार विदेश में रह रहे लोगों को जमीन देगी और 40% धनराशि भी देगी. एनआरआई को सिर्फ 60% धनराशि देनी होगी और उनके पूर्वजों के नाम पर वह निर्माण नामांकित कर दिया जाएगा.


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जानकारी के मुताबिक इक्कीस साल से कैलिफोर्निया में रह रहे बुलंदशहर के संजीव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संवाद किया. इसके बाद उन्होंने ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि यह बहुत ही अच्छी योजना है. इससे हमारे गांव का विकास होगा और हमारे पूर्वजों का नाम रोशन होगा. इस योजना से ज्यादातर विदेश में रह रहे लोगों को जुड़ना चाहिए. मैं भी और लोगों को जागरूक करूंगा और अपने गांव में कन्वेंशन सेंटर, जिम समेत तमाम चीजें बनवाऊंगा. इसमें सरकार हमारी मदद करेगी. हमेशा से अपने गांव के लिए कुछ करने का सोचा था आज सरकार ने सुनहरा मौका दिया है.


मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों को बांटे लैपटॉप
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3145 ग्राम पंचायत सचिवों को लैपटॉप वितरित किए. लैपटॉप लेकर निकले सचिवों का कहना है कि हमारा देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है. शहरों के साथ ही हमारे गांव भी डिजिटल हो रहे हैं. सारा काम ऑनलाइन किया जाता है. लैपटॉप मिलने से हमें बहुत राहत मिलेगी और एक ही विंडो पर ग्रामीण लोगों की समस्याओं का हल होगा. लैपटॉप मिलना ग्राम पंचायत सचिवों के लिए बहुत लाभकारी है.


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मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों को पुरस्कार वितरित किए
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत 370 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को पुरस्कार वितरित किए. मुरादाबाद के ग्राम प्रधान वीर सिंह को 11,00,000 रुपए का इनाम मिला. वीर सिंह कहा कि सरकार की तरफ से इस तरीके का सम्मान उन्हें प्रोत्साहित करता है. वह इस राशि से अपने क्षेत्र का और भी ज्यादा विकास करेंगे और अपने गांव को आदर्श गांव बनाएंगे.


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