लखनऊ: प्रथम चरण में 5 मंडल मुख्यालयो में गौशालाएं बनाई जाएंगी. मुरादाबाद, बरेली, गोरखपुर, झांसी और कानपुर मंडल में पीपीपी मोड पर बनेगी गौशालाएं. इससे प्राकृतिक खेती, गोबर पेंट के निर्माण के साथ ही सीएनजी, सीबीसी और सौर ऊर्जा को जोड़ा जाएगा. गाय के पवित्र गोबर से देवी देवताओं की मूर्तियां, धूपबत्ती एवं अन्य पदार्थ भी बनेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इन गौशालाओं के निर्माण से उत्तर प्रदेश सरकार आवारा पशुओं की चुनौती को कम करना चाहती है. पशुपालन विभाग के आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 11.84 लाख मवेशी सड़कों पर हैं. राज्य में 600 से ज्यादा गौशालाएं चलाई जा रही हैं. इन गौशालाओं में लगभग 9 लाख पशु हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि गौशाला चलाने के लिए गाय आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करनी होगी. इसके लिए एक समावेशी व्यवस्था बनाई जाए. उन्होंने पीपीपी मोड पर गौशालाओं के निर्माण का निर्देश दिया है. इन गौशालाओं के लिए इच्छुक एनजीओ से एमओयू करें और उन्हें आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराएं.


 यह भी पढ़ें: Budget Session: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले आखिरी बजट में जनता को तोहफे देने की तैयारी में मोदी सरकार


योगी सरकार गाय आश्रयों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर भी बनाएगी. आवारा मवेशियों का मुद्दा अब भाजपा सरकार की प्राथमिकता में है. यूपी चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसे बायो फार्मिंग से जोड़कर समस्या के स्थायी समाधान की बात कही थी.


इस योजना के तहत निराश्रित मवेशी पालने वाले किसानों को प्रति गाय प्रति माह 900 रुपये दिए जा रहे हैं. भूमि सत्यापन के बाद किसानों को उनका भुगतान किया जाए. सीएम के निर्देश के मुताबिक अप्रैल-मई में ही गौशालाओं में साल भर के लिए हरे चारे, पुआल और चोकर की व्यवस्था की जाएगी. इन गौशालाओं में भारतीय नस्ल के मवेशियों को रखा जाएगा. 


WATCH: लोहड़ी पर करेंगे ये उपाय तो धन-धान्य से भरा रहेगा घर-परिवार