प्रमोद कुमार/कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर जिले में रिश्ते का कत्ल हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि दादा-दादी और पिता ने मिलकर किया. नेबुआ नौरंगिया थाना के एक गांव में दादा दादी व पिता द्वारा एक आठ वर्षीय दिव्यांग किशोरी को मौत के घाट उतारा. इतना ही नहीं गांव के पास दफना भी दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नेबुआ नौरंगिया का मामला
कुशीनगर जिला के नेबुआ नौरंगिया थाना अंतर्गत नौरंगिया गांव का मामला है. जहां नौका टोला में एक पिता ने अपनी ही दिव्यांग पुत्री को मौत के घाट उतार दिया. यह खुलासा तब हुआ, जब 29 नवम्बर से ही गायब बच्ची को लेकर यह कह के अफवाह उड़ाई गई कि बच्ची का अपरहर हुआ है।जिस बच्ची का अपरहण हुआ वह बचपन से ही हाथ पैर आंख से दिव्यांग थी.


शव को माइनर में गड्ढा खोदकर दफनाया 
इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई. मामले की जांच की गई. जांच के दौरान पुलिस ने सख्ती की. तब रिश्तों को कलंकित करने वाले दादा-दादी और बच्ची के पिता का असलियत सामने आई. ये जानकारी मिली की पुलिस के डर से मृतक दिव्यांग बच्ची के शव को गांव से कुछ दूरी माइनर में गड्ढा खोदकर दफनाया दिया गया.


शव के सिर पर लगा मिला खून 
आपको बता दें कि नेबुआ पुलिस ने डीएम से अनुमति लेकर खड्डा तहसीलदार और क्राइम इंस्पेक्टर ओमप्रकाश सिंह को लेकर मौके पर पहुंचे. उनकी मौजूदगी में माइनर से बच्ची के शव को बाहर निकाला गया. जब शव को निकाला गया तो, शव के सिर पर खून लगे थे. इसके अलावा उसकी एक आंख भी नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.


तहसीलदार ने दी जानकारी 
तहसीलदार खड्डा दिनेश कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया पुलिस को शक था कि बच्ची के अपरहण की सूचना या शिकायती पत्र तक नहीं दिया गया. फिर अपरहण की अफवाह क्यों उड़ाई गई? मृतक बच्ची विद्या जिसकी उम्र 8 साल थी, जो बिल्कुल दिव्यांग थी. 


सवाल ये भी था कि आखिर उसका अपरहण क्यों होगा. पुलिस को बच्ची के पिता अमेरिका पर शक था, जब पुलिस ने पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा भेद खुल गया.


UP Nagar Nikay chunav 2022: क्या है निकाय चुनाव के मायने, क्या है नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में अंतर?