मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: कस्टोडियल डेथ मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने जौनपुर के बक्सा थाना पुलिस की अभिरक्षा में पुजारी यादव की हत्या और लूट के आरोपी पुलिसकर्मी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि एम्स के डाक्टरों की टीम ने पीटे जाने की चोट से मौत मानी है. इसलिए यह नेचुरल मौत नहीं है. कोर्ट ने कहा आरोपी अनुशासित पुलिस बल का सदस्य है, जिसपर कानून व्यवस्था कायम रखने एवं नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. योजनाबद्ध षड्यंत्र कर लूट करना और अभिरक्षा में मौत होने का आरोप से स्पष्ट है कि पुलिस ने शक्ति का दुरूपयोग किया गया है.


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जस्टिस समित गोपाल की एकलपीठ ने की सुनवाई
इस मामले में जस्टिस समित गोपाल की एकलपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मी रामकृत यादव की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए ये आदेश दिया है. बता दें कि अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता एन आई जाफरी और सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय कुमार यादव ने अपना पक्ष रखा. मालूम हो कि 11 फरवरी 2021 की रात साढ़े 12 बजे अजय कुमार सिंह बक्सा थाना इंचार्ज के नेतृत्व में एक दर्जन एसओजी पुलिस की टीम, शिकायतकर्ता अजय कुमार यादव के घर पर गई. इस दौरान घर में घुसकर तलाशी ली गई. बक्से का ताला तोड 60 हजार रूपये व जेवर लूट लिए गए. 


इतना ही नहीं पुलिस टीम अजय यादव के भाई कृष्ण कुमार यादव उर्फ पुजारी यादव को पकड़कर थाने ले गई. पुलिस केवल पुजारी को ही नहीं, बल्कि अपने साथ पुजारी यादव की मोटरसाइकिल भी ले गई. इस दौरान जब घर वाले थाने पर गए तो, घर वालों से मिलने तक नहीं दिया गया. पुलिस ने सुबह बताया गया कि पुजारी यादव की मौत हो गई है. इस घटना को लेकर करात की घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई. सुनवाई न होने पर अजय कुमार यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.


आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती: हाईकोर्ट
इस मामले में हाईकोर्ट को भी पुलिस ने नई कहानी सुनाई. पुलिस ने बताया कि बिरहदपुर गांव के पास मोटर साइकिल टक्कर हुई थी. वहीं, लोगों ने मारा पीटा था, जिसमें वह घायल हो गया था, जिससे उसकी मौत हो गई. कोर्ट ने घटना की न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच कराई गई. इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी दी. जिसने 19 पुलिस कर्मियों के खिलाफ योजनाबद्ध षड्यंत्र वह हत्या की चार्जशीट दाखिल की है.


कोर्ट ने कहा पुलिस अभिरक्षा में मौत हुई है. पुलिस टीम मृतक को घर से पकड़कर ले गई. जी डी में गिरफ्तारी दिखाई गई है. वहीं, मृतक की पूरी पीठ पर चोट के निशान हैं. डाक्टरों की टीम ने भी चोट की वजह से मौत का खुलासा किया है. कोर्ट ने कहा ये नेचुरल मौत नहीं है, पुलिस पर ये बेहद गंभीर आरोप हैं. इस लिए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है.


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