प्रयागराज: तीर्थों के तीर्थ प्रयागराज में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले माघ मेले का विशेष महत्व है. दुनिया भर से श्रद्धालु माघ मेला के अवसर पर प्रयाग पहुंचकर संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाते  हैं. इस मौके पर गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम पर उनकी सभी मनोकामाएं पूरी होती हैं. प्रयागराज माघ मेला 2023 में मुख्य स्नान पर्व की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. पौष पूर्णिमा का स्नान 1 जनवरी को होगा. 14-15 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान होगा. 21 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान की तिथि है. माघी पूर्णिमा का स्नान 5 फरवरी तथा महाशिवरात्रि का स्नान 18 फरवरी को होगा.


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लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं प्रयाग


माघ मेला के दौरान हर वर्ष 40 से 50 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं. आस्था का यह अद्भुत संगम देखने लायक होता है. दरअसल सनातन संस्कृति में पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के अवसर पर गंगा नदी में स्नान को अत्यंत लाभकारी बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति पौष पूर्णिमा के दिन संगम में डुबकी लगाता है उसके सभी पाप व कष्ट गंगा मैया दूर कर देती हैं.


स्नान व दान का है विशेष महत्व
माघ मेले के दौरान कल्पवास और दान का विशेष महत्व होता है. वैसे तो इस मास की प्रत्येक तिथि का विशेष महत्व है लेकिन मौनी अमावस्या का और भी विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या के अवसर पर मौन रहकर स्नान और दान-दक्षिणा का विशेष आध्यात्मिक महत्व है. वैदिक मान्यता के अनुसार संगम तट पर मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान और दान से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. माघ मेला को लेकर हर साल स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाती है. इस मौके पर बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी प्रयागराज पहुंचते हैं.


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