मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में साल 2025 में होने वाले कुंभ की तैयारियों को लेकर योगी सरकार ने अभी से अधिकारियों को रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में प्रशासनिक अमला कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियों में जुट गया है. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद के साथ साधु-संतों और तीर्थपुरोहितों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने बड़ी मांग रख दी है. विहिप ने संगम क्षेत्र के पांच किलोमीटर की परिधि में मांस, मछली और शराब के क्रय-विक्रय और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली है.


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आस्था-विश्वास में किसी तरह का खलल न पैदा हो
विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षा काशी प्रांत के मंत्री लाल मणि तिवारी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि तीर्थराज प्रयाग करोड़ों सनातनी और हिंदू धर्मावलंबियों के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. ऐसे में यहां पर कुंभ, अर्ध कुंभ या फिर माघ मेले के अलावा जब आम दिनों में दूरदराज से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं और मांस मछली और शराब जैसे अनैतिक गतिविधियों को देखते हैं तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है. ऐसे में सीएम योगी से मांग की जा रही है कि जिस तरीके से सीएम योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के ब्रज क्षेत्र को तीर्थ घोषित करते हुए वहां पर मीट मछली और शराब पर पूरी तरीके से पाबंदी लगाई है. उसी तरह से तीर्थराज के संगम क्षेत्र की पांच किलोमीटर की परिधि में मांस मछली मदिरा पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाई जाए, जिससे लोगों की आस्था और विश्वास में किसी तरीके का खलल न पैदा हो सके.


संगम की गरिमा को लेकर उठाया जाए कदम
वहीं, विश्व हिंदू परिषद की इस मांग का संगम नगरी प्रयागराज के साधु-संतों ने भी समर्थन किया है. संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी महंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा है कि संतों की यह मांग बरसों से रही है. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ को जरूर इस पर संज्ञान लेना चाहिए. क्योंकि दुनिया भर में तीर्थराज प्रयाग सनातनियों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र माना जाता है. दूरदराज से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां पर पहुंचते हैं. ऐसे में अगर यहां पर मांस, मछली और मदिरा के क्रय विक्रय के साथ ही सेवन पर रोक लगेगी तो निश्चित तौर पर हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था को ठेंस पहुंचने से बचाया जा सकेगा. महंत बालवीर गिरी महाराज ने कहा कि सीएम योगी खुद संन्यासी हैं. ऐसे में उन्हें इस बात का पूरा यकीन है कि वह जरूर संगम की गरिमा को लेकर इस पर पहल करेंगे. क्योंकि संगम से उनका नाता उसी तरीके से है, जिस तरीके से करोड़ों सनातनीयों का तीर्थराज प्रयाग से है. ऐसे में यहां के मान, गरिमा और करोड़ों आस्थावान हिंदुओं की मांग को देखते हुए जरूर प्रतिबंध को लेकर जरूरी पहल करेंगे.


जल्द से जल्द मांस-मदिरा पर पाबंदी लगाने की मांग
वर्षों से संगम क्षेत्र में दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को पूजन अर्चन कराने वाले तीर्थ पुरोहितों ने भी इस पर सीएम योगी से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडे का कहना है कि यहां पर जो लोग आते हैं, वह अलग श्रद्धा भक्ति और आस्था लेकर पहुंचते हैं. लेकिन जब यहां पर अनैतिक गतिविधियां शराब, मांस, मछली जैसी चीजें उनके सामने आती हैं, तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है. ऐसे में सीएम योगी को जरूर इस पर पहल करनी चाहिए ताकि जल्द से जल्द इस पर प्रतिबंध लगे और करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों के आस्था और भक्ति को ठेस पहुंचने से बचाया जा सके. 


संतों को सीएम योगी पर है भरोसा
हालांकि, उन्हें यकीन भी है कि सीएम योगी जरूर इस पर कोई एक्शन लेंगे. क्योंकि पहले भी वह सनातन धर्मावलंबियों की आस्था को देखते हुए तमाम सराहनीय कार्य कर चुके हैं. ऐसे में इस बात का उन्हें पूरा यकीन है कि सीएम योगी आदित्यनाथ तीर्थराज प्रयागराज के साथ ही करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था का सम्मान करते हुए मांस, मछली, और शराब के क्रय विक्रय पर संगम क्षेत्र में पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाने को लेकर आदेश जारी करेंगे.


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