नीना जैन/सहारनपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव पर विचार किया है. अब यूपी के मदरसों में उन लोगों को ही मौका मिलेगा, जिन लोगों ने यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी पास की है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का देवबंद के उलेमाओं ने सराहना की है. उलेमाओं को कहना है कि यह तो अच्छी बात है कि अच्छे उस्ताद होंगे. अच्छे पढ़ाने वाले होंगे तो बच्चों की तरबियत अच्छी होगी बच्चों की तालीम उम्दा होगी.


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क्या बोले उलेमा? 
जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम ए दीन मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले उस विभाग के लोगों से सलाह मशवरा जरूर करना चाहिए, ताकि उस फैसले को लेकर लोगों की क्या राय है किस तरह उस फैसले को लिया जाएगा, उस फैसले को लेकर लोगों का नजरिया क्या रहेगा इस संबंध में जानकारी लेकर ही फैसले लागू करने चाहिए. लेकिन, सरकार जो फैसला करेगी वह माना ही जाएगा. लेकिन,यह उनकी राय है कि सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले उस विभाग के लोगों से सलाह मशवरा जरूर करना चाहिए.


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'जब ट्रेंड टीचर होंगे तो शिक्षा भी उम्दा होगी'
वहीं, मुफ्ती असद कासमी इस बारे में कहा कि सरकार जिन मदरसों को अनुदान दे रही है, जिन पर पैसा खर्च कर रही है. उनकी तालीम की ओर ध्यान दे रही हैं. सरकार जिसको चाहे उसको रख सकती है, जिस को ना चाहे उसको नहीं रख सकती और यह तो अच्छी बात है कि अच्छे उस्ताद होंगे. अच्छे पढ़ाने वाले होंगे तो बच्चों की तरबियत अच्छी होगी. बच्चों की तालीम उम्दा होगी. सरकारी मदरसे हैं और सरकार पैसा खर्च कर रही है. इस पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए जब ट्रेंड टीचर होंगे तो शिक्षा भी उम्दा होगी. 


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