Deoria News : देवरिया हत्याकांड में बुधवार को आरोपियों के घर बुलडोजर चल सकता है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य और जमीन विवाद को लेकर मारे गए प्रेम यादव की जमीनों की पैमाइश के बाद बुलडोजर की कार्रवाई तय मानी जा रही है. प्रेम यादव की हत्या के बाद उनके परिवार के आक्रोशित लोगों ने हत्यारोपी सत्यप्रकाश दुबे के घर चढ़ाई कर दी थी. इसमें दो बच्चों समेत पांच लोगों की गोली मारने के साथ धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी. इसके बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.


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जानकारी के मुताबिक, रुद्रपुर कोतवाली के तहत आने वाले फतेहपुर गांव के बाहर चौराहे पर बुलडोजर खड़ा है. शीर्ष अधिकारियों का इशारा मिलते ही बुलडोजर गरजने लगेगा. मगर अवैध जमीनों पर बने इन घरों में हत्यारोपियों के घर की महिलाएं डटी हैं. बुलडोजर से घरों को ध्वस्त करने के पहले इन्हें हटाने की कार्रवाई की जा सकती है. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर भड़के जमीन विवाद में यहां नरसंहार हुआ था. इसमें छह लोगों की हत्या कर दी गई थी. मंगलवार को प्रेम यादव के जमीनों की पैमाइश करने लेखपाल, कानूनगो और राजस्व विभाग के आला अधिकारी पहुंचे थे. 


इस हत्याकांड में देवरिया पुलिस अब तक 16 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इसमें गोरख यादव, श्याम यादव, कुश यादव, परमहंस यादव, रामजी यादव, देवानंद, दुर्गेश यादव, अनिरुद्ध, राम भवन यादव, राधेश्याम ,दिवाकर तिवारी, अर्जुन यादव ,परशुराम राजभर, बेचू राजभर, प्रदीप राजभर शामिल हैं. इन आरोपियों से फावड़ा, लोहे का रॉड और अन्य हथियार भी मिले हैं. 


गौरतलब है कि देवरिया जिले में हुए जमीन हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है. इस पूरे मामले की निगरानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कर रहे हैं. इसी कड़ी में देवरिया के फतेहपुर गांव में राजस्व विभाग की टीम पहुंची थी.उसने आरोपियों के घर के साथ पूरे गांव की जमीन की भी पैमाइश की. इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है.


चारों तरफ से पुलिस जवान और उनकी बूटों की आवाज सुनाई देती है. गांव में दहशत का आलम यह है कि प्राथमिक स्कूल में दो दिन कोई छात्र पढ़ने नहीं गया. देवरिया हत्याकांड में सत्य प्रकाश दुबे सहित उनके परिवार के पांच लोगो की निर्मम हत्या हुई थी. दुबे का बड़ा बेटा देवेश घर पर नहीं होने की वजह से बच गया था. सत्य प्रकाश दुबे के बड़े बेटे देवेश ने बताया था कि उसके भाई गांधी का जन्मदिन भी 2 अक्टूबर को था. देवेश ने कहा, उसने फोन भी किया था कि भैया मेरे लिए क्या गिफ्ट लाओगे. मैं भागवत कथा में बलिया गया था और लौट कर उसके लिए गिफ्ट लाने वाला था. लेकिन घर आया तो उसकी लाश मिली.


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