अजीत सिंह/ लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को राहत और उनकी जीवन रेखा बढ़ाने के लिए वित्तीय अनियमित्ता और प्रधानमंत्री आयुष्मान जैसी बड़ी योजनाएं चला रखी है. लेकिन इन योजनाओं को मरीजों तक पहुंचाने के लिए जिले में अधिकारियों को तैनात किया जाता है. लेकिन कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं, जो अपने काम को करने में लगातार कोताही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे ही अधिकारी को प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आड़े हाथ लेते हुए निलंबन का पर्चा उनके हाथ में थमा दिया. 


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लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश 
गंजडुण्डवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सीएमओ डॉ.अवध किशोर प्रसाद ने अपने पद और दायित्वों का ठीक से निर्वाहन नहीं कर रहे थे. इसके अलावा डॉ. गुलिस्ता अंजुम कुछ दिनों से लगातार गैरहाजिर चल रही थीं. इसके बावजूद उनकी अनुपस्थिति अवधि का वेतन भुगतान कर दिया गया. आयुष्मान योजना की निरंतर समीक्षा करने में भी जिम्मेदार अधिकारी गैर जिम्मेदारी दिखाते हुए लापरवाही बरत रहे थे. इसके अलावा  हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चयन को नजरंदाज किया गया और साथ ही नसबंदी कार्यक्रम का संचालन भी ठीक से नहीं किया गया. टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों के संचालन में भी शिथिलता बरती गई. जिलाधिकारी की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सीएमओ डॉ.अवध किशोर को निलंबित करते हुए कहा कि मरीजों से जुड़ी परियोजनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वित्तीय अनियमितता और प्रधानमंत्री आयुष्मान जैसी बड़ी योजनाओं में लापरवाही के आरोप में सीएमओ को निलंबित कर दिया गया है


फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने पर डॉक्टर निलंबित
फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने के आरोप में सहारनपुर जिला अस्पताल में तैनात इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. बलराम दत्त शर्मा को निलंबित कर दिया गया. आरोप हैं कि डॉक्टर ने झूठी घटना के आधार पर मेडिकल बनाया है. डिप्टी सीएम ने तत्काल प्रभाव से डॉ. बलराम को निलंबित करते हुए लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चेताया है. 


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