Dev Uthani Ekadashi 2022:  आज देवउठनी एकादशी है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु 4 माह के निद्रा से जागते हैं. भक्त इस दिन भगवान विष्णु के व्रत रखते हैं.  इस दिन को देवोत्थान एकादशी, देव प्रभोदिनी एकादशी जैसे अनेक नामों से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अराधना करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति होती है.  इस दिन से सभी मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश क्रिया, उपनयन संस्कार फिर शुरू हो जाते हैं. इस दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देवउत्थान एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान 


निर्जला या पानी पीकर रखें व्रत
देवउत्थान एकादशी व्रत के दौरान निर्जला या सिर्फ पानी पीकर ही व्रत रखना चाहिए. अगर आप बीमार, उम्रदराज, गर्भवती महिलाएं इस व्रत के दौरान फलाहार भी कर सकती हैं.  इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जानी चाहिए. 


ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करें
देव उठनी एकादशी के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करना चाहिए. जमीन पर चटाई बिछाकर सोना चाहिए.


तामसिक भोजन न करें
इसके अलावा एकादशी के दिन तामसिक आहार (प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन) बिलकुल न खाएं. इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए.  पूरी तरह सात्विक भोजन करना चाहिए.


एकादशी के दिन नहीं खाएं चावल
देवउठनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ये देवताओं का भोजन माना गया है. ऐसे में इस दिन चावल खाने से व्यक्ति के सारे पुण्य नष्ट हो जाते हैं.


दूसरे के घर पर न करें भोजन
देवउठनी एकादशी के दिन किसी दूसरे के घर का भोजन नहीं करना चाहिए. यहां त​क कि दूसरे के घर का पानी भी नहीं पीना चाहिए.  एकादशी के दिन भगवान नारायण को पान अर्पित किया जाता है, ऐसे में व्यक्ति को पान नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा एकादशी तिथि पर जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली को खाना भी वर्जित माना जाता है. 


इस दिन न काटें नाखून और बाल
देवउठनी एकादशी के दिन बाल, दाढ़ी व नाखून आदि काटने से परहेज करना चाहिए.


एकादशी के दिन झाडू न लगाएं
दशमी के दिन ही सूर्यास्त से पहले घर में झाड़ू लगा लें. एकादशी के दिन ​झाड़ू लगाने से परहेज करें क्योंकि झाड़ू लगाते समय भूलवश कई सूक्ष्म जीव मर जाते हैं. इसका पाप लगता है.


देवउठनी एकादशी पूजा मुहूर्त
देवउठनी एकादशी तिथि -3 नवंबर 2022 को शाम 7.30 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर 2022 को शाम 6. 8 मिनट पर समाप्त होगी.
एकादशी का व्रत-4 नवंबर 2022 को रखा जाएगा.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


Dev Uthani Ekadashi 2022: कब है देवउठनी एकादशी? जानें पूजा का शुभ-मुहूर्त और महत्व