Mainpuri Seat Result 2022: नेताजी के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी सीट पर 5 दिसंबर को वोटिंग हो चुकी है. 8 दिसंबर यानी गुरुवार को यह साफ हो जाएगा कि नेताजी की सीट पर यादव परिवार से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव (Dimple Yadav) सांसद बनती हैं या जीत का सेहरा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya)  के सिर बंधता है. 


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खास बात यह है कि मैनपुरी से चुनाव सपा-बीजेपी उम्मीदवारों में से कोई जीते, नया इतिहास बनना तय है. दरअसल, इस सीट से कभी कोई महिला प्रत्याशी सांसद नहीं बनी तो जातिगत आधार पर शाक्य दूसरे स्थान पर होने के बावजूद शाक्य प्रत्याशी कभी जीत हासिल नहीं कर सका है. वहीं इससे पहले भी इस सीट पर कई रिकॉर्ड बन चुके हैं. 1957 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकरलाल को एक भी वोट हासिल नहीं हुआ था. उनके द्वारा डाला गया खुद का वोट भी निरस्त हुआ था और यहां बड़ा रिकॉर्ड कायम हुआ. 


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गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट को अपने पाले में रखने के लिए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी. पूरा यादव परिवार डिंपल यादव को जिताने के लिए एकजुट हो गया. चुनाव की सबसे खास बात यह रही है कि चाचा-भतीजों के अलग हुए रास्ते मैनपुरी में एक होते दिखे. दोनों पुराने गिले-शिकवे भुलाकर परिवार के एकजुटता का संदेश देते दिखाई दिए. बल्कि चाचा ने बहू के लिए जमकर प्रचार किया.


वहीं, बीजेपी की बात करें तो सपा के गढ़ में बीजेपी भी खूब एक्टिव नजर आई. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से लेकर उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्रियों ने यहां डेरा डाला, और बीजेपी प्रत्याशी का जमकर चुनाव प्रचार किया. 8 दिसंबर को यह साफ हो जाएगा कि मैनपुरी के वोटरों ने नेताजी की सीट को किस उम्मीदवार को सौंपने का फैसला किया है. 


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