Prayagraj: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान पर साधु-संतों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. प्रयागराज में साधु संतों ने समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य का पूरी तरीके से मठों और मंदिरों से बहिष्कार करने का फैसला लिया है.


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अमेठी के परमहंस पीठाधीश्वर स्वामी मौनी महाराज ने कहा कि आगामी महाशिवरात्रि पर्व से स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा नेताओं का मठ मंदिरों में प्रवेश पर रोक लगाए जाने का आह्वान संपूर्ण सनातनी हिंदुओं से किया जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से लगातार हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. जो बर्दाश्त के लायक नहीं है. ऐसे में संगम की रेती से सभी सनातनी हिंदुओं से सपा का बहिष्कार करने का फैसला लिया जा रहा है.


आगामी दिनों में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही किसी भी सपा नेता को मठ मंदिरों में प्रवेश करने से रोका जाएगा. मौनी महाराज ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य संत समाज को हत्या जैसे जघन्य अपराध के लिए उकसा रहें हैं. वह चाहते हैं कि संत समाज कोई जघन्य अपराध करे, लेकिन संत समाज धैर्य के लिए कटिबद्ध है. मौनी महाराज ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव अघोषित तौर पर समर्थन कर रहे हैं इसलिए सम्पूर्ण संत समाज बेहद दुखी हैं.


इसी वजह से देशभर के धर्माचार्यों से संत समाज अपील करता है कि सपा के नेताओं को मंदिरों में पूजा-पाठ और उनके कल्याण के लिए अनुष्ठान ना करने दिया जाए क्योंकि सपा से जुड़े स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू विरोधी संस्कृत विरोधी बयानबाजी करके समाज को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं.जिसमें अखिलेश यादव भी बराबर के सहयोगी है. उधर कानपुर में साधु संतों ने रामचरित मानस की प्रति बांटकर अनोखे तरीके से अपनी बात रखना शुरू की है. करीब एक लाख प्रतियां बांटने का लक्ष्य रखा गया है. 


सपा नेता द्वारा रामचरित मानस से चौपाइयां हटाने की मांग लगातार की जा रही है. अखिलेश यादव या सपा प्रवक्ता भी इसका लगातार समर्थन करते दिख रहे हैं. 


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