लखनऊ: पिछली बार की तुलना में इस साल पटाखों की कीमतों में लगभग 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जिसकी वजह से पटाखे महंगे तो हुए है. बावजूद उसके पटाखों को लेने के लिए दुकानों पर उमड़ रही है. भीड़ से साफ नजर आ रहा है कि महंगाई की मार भी दीपावली पर लोगों के उत्साह को कम नहीं कर पाई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पटाखों की दुकानें सजने लगी हैं. बता दें कि उत्तराखंड के मोदी बाजार भी पटाखों से सज गया है.


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मोदी बाजार पटाखों से सज
आपको बता दें कि रुद्रपुर का मोदी बाजार पटाखों से सज गया है. इस बार रुद्रपुर प्रशासन ने कुल 198 व्यापारियों को पटाखों के लाइसेंस जारी किए हैं. इस बार मोदी बाजार में स्काई शॉट्स आदि फैंसी आइटम की धूम है. इसके अलावा 140 शॉट्स का पटाखा 8 हजार रुपए का है तो वही  सबसे कम कीमत का पटाखा चकरी और फुलझड़ी 20 रुपए का है. इस बार लोग रेड से ज्यादा ग्रीन पटाखे की मांग कर रहे है क्योंकि ग्रीन पटाखे प्रदूषण कम करते है. लोग भी पटाखे लेने को उत्साहित दिख रहे हैं. इसके अलावा कई जगहों पर दीपावली मेले की धूम है. उन मेले में से एक चित्रकूट का दीपावली अमावस्या मेला है.


दीपावली अमावस्या मेले में चित्रकूट में उमड़ा जनसैलाब
आपको बता दें कि धार्मिक नगरी चित्रकूट में दीपावली पर अमावस्या मेला लगता है. इस मेले की शुरुआत हो गई है और श्रद्धालुओं का आना शुरु हो गया है. यहां आकर श्रद्धालु मंदाकिनी नदी के रामघाट पर डुबकी लगा रहे हैं. जिसके बाद वह कामदगिरि की परिक्रमा कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दीपावली अमावस्या मेला में लगभग 30,00,000 श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसको देखते हुए तैयारियां की गई हैं. यूपी और एमपी क्षेत्र में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि यहां देश के कोने-कोने से लोग दीपदान करने आते हैं.


5 दिनों तक चलता है मेला
आपको बता दें कि ये मेला 5 दिनों तक चलता है. इस दीपावली मेले में ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने यहां दीपदान किया था. तभी से ये परंपरा चली आ रही है. यहां लोग दूर-दूर से बड़ी संख्या में धार्मिक नगरी चित्रकूट में पहुंते हैं. जहां मंदाकिनी नदी के रामघाट में नहाने के बाद दीपदान करते हैं. मान्यता है कि कामदगिरि की परिक्रमा कर दीप दान करने से सभी मनोकामनएं पूरी होती हैं. 


मेले में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की हुई है तैनाती
बेहतर निगरानी के लिए मेला क्षेत्र को कई सेक्टरों में बांटा गया है. जहां अलग-अलग सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है. इसके अलावा मेला क्षेत्र के बनाए गए सभी प्वाइंट्स पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है. ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरीके की असुविधा ना हो सके. वहीं, मेला क्षेत्र में मेडिकल कैंप भी बनाया गया है, इसके अलावा खोया पाया केंद्र और पुलिस सहायता बूथ भी बनाए गए हैं.


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